डीएनए हिंदी: Education News- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ऑस्ट्रेलिया दौरा इस समय बेहद चर्चा में है. पीएम मोदी ने अपने दौरे पर भारत-ऑस्ट्रेलिया की दोस्ती को और मजबूत करने का पैगाम दिया है, जिसका जवाब वहां के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बानीज ने भी बेहद उत्साह के साथ दिया है. हालांकि इस बीच एक खबर ऐसी आ रही है, जिसे सुनकर शायद आप दोस्ती के इन कसमों-वादों पर सवाल उठा देंगे. सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, दो ऑस्ट्रेलियन यूनिवर्सिटीज ने कम से कम छह भारतीय राज्यों के स्टूडेंट्स को अपने यहां एडमिशन देने पर बैन लगा दिया है. इन यूनिवर्सिटीज ने यह कदम इन राज्यों से आने वाले स्टूडेंट्स के वीजा फर्जी पाए जाने के मामलों में बढ़ोतरी होने के कारण उठाया है.
इन छह राज्यों के स्टूडेंट्स हुए हैं बैन
विक्टोरिया राज्य की फेडरेशन यूनिवर्सिटी (Federation University) और न्यू साउथ वेल्स राज्य की वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी (Western Sydney University) ने यह बैन लगाया है. रिपोर्ट के मुताबिक, एजुकेशन एजेंट्स को ताकीद की गई है कि पंजाब, हरियाणा, गुजरात, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के स्टूडेंट्स को मंजूरी नहीं दी जाए. रिपोर्ट के मुताबिक, हर चार आवेदनों में से एक को अब देश का गृह विभाग 'धोखाधड़ी' या 'फर्जी' मानकर चलता है.
क्या कहा है यूनिवर्सिटीज ने एजेंट्स को
फेडरेशन यूनिवर्सिटी ने 19 मई के लैटर में कहा, देखने में आया है कि गृह विभाग द्वारा कुछ भारतीय क्षेत्रों के वीजा आवेदनों को खारिज करने के अनुपात में अहम बढ़ोतरी हुई है. हमें उम्मीद थी कि यह शॉर्टटर्म इश्यू होगा, लेकिन अब इसके एक ट्रेंड के तौर पर उभरने की बात स्पष्ट है.
वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी ने एजेंट्स को लिखे लैटर में पंजाब, हरियाणा और गुजरात का जिक्र किया है. लैटर में कहा गया है कि यूनिवर्सिटी इन राज्यों के स्टूडेंट्स को अब भर्ती नहीं कर सकती. इसके लिए यूनिवर्सिटी ने साल 2020 में कोर्स में एडमिशन लेने के बाद ड्रॉपआउट कर गए भारतीय स्टूडेंट्स की बड़ी संख्या का हवाला दिया है. यूनिवर्सिटी ने 8 मई के लैटर में कहा है कि यूनिवर्सिटी ने भारत में ये एरिया हाई रिस्क जोन के तौर पर चिह्नित किए हैं.
अन्य यूनिवर्सिटीज ने भी टाइट की स्क्रूटनी
सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड ने एक अन्य रिपोर्ट में कहा था कि भारतीय छात्रों को लेकर ऑस्ट्रेलिया के कई नामी शिक्षण संस्थानों में सख्ती का ट्रेंड बढ़ा है. रिपोर्ट में विक्टोरिया यूनिवर्सिटी, एडिथ कोवान यूनिवर्सिटी, द यूनिवर्सिटी ऑफ वूलनगॉन्ग, टोरेंस यूनिवर्सिटी के साथ ही सदर्न क्रॉस यूनिवर्सिटी से जुड़े एजेंट्स को आई ईमेल्स का हवाला दिया गया था, जिनमें भारतीय छात्रों की टाइट स्क्रूटनी के आदेश दिए गए थे.
फरवरी-मार्च में भी 8 भारतीय राज्यों के छात्रों पर लगे थे प्रतिबंध
फरवरी में भी एडिथ कोवान यूनिवर्सिटी ने पंजाब-हरियाणा के छात्रों के आवेदन स्वीकार करने पर व्यापक प्रतिबंध लगा दिया था. मार्च में विक्टोरिया यूनिवर्सिटी ने उत्तर प्रदेश, गुजरात और राजस्थान समेत 8 भारतीय राज्यों के स्टूडेंट्स पर अपने प्रतिबंध कड़े कर दिए थे.
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