Cambridge University में बोले राहुल गांधी- भारत में बोलने की आजादी देने वाली संस्थाओं पर कब्जा कर रहा एक संगठन

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: May 24, 2022, 01:13 PM IST

कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में पहुंचे राहुल गांधी

Rahul Gandhi at Cambridge University: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि भारत में बोलने की आजादी देने वाली संस्थाओं को कंट्रोल किया जा रहा है.

डीएनए हिंदी: कांग्रेस पार्टी के नेता और सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने आरोप लगाया है कि भारत में बोलने की अनुमति देने वाली संस्थाओं पर ‘सुनियोजित हमला’ हो रहा है. राहुल गांधी ने देश की बीजेपी सरकार पर इशारों ही इशारों में हमला बोलते हुए कहा कि देश में बोलने की आजादी देने वाली संस्थाओं- संसद, चुनाव प्रणाली और लोकतंत्र की बुनियादी संरचना पर एक सगंठन कब्जा कर रहा है.

प्रतिष्ठित कैंब्रिज यूनिवर्सिटी (Cambridge University) के कॉर्पस क्रिस्टी कॉलेज में सोमवार शाम को ‘इंडिया एट 75’ नाम के एक कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी ने छात्रों, विशेषकर भारतीय छात्रों के सवालों का जवाब दिया.  राहुल गांधी ने यह भी कहा कि प्रभावशाली लोग और एजेंसियां देश में संवाद को नए तरीके से परिभषित कर रही हैं. इस कार्यक्रम में राहुल गांधी ने हिंदू राष्ट्रवाद, कांग्रेस पार्टी में गांधी परिवार की भूमिका और देश के लोगों को संगठित करने के प्रयासों जैसे व्यापक विषयों पर बात की. 

'गोपनीय तरीके से किया जा रहा कंट्रोल'
कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में भारतीय मूल की शिक्षाविद डॉ श्रुति कपिला के साथ बातचीत में राहुल गांधी ने उन सब बिंदुओं को दोहराया, जिन पर उन्होंने पिछले सप्ताह एक सम्मेलन के दौरान बात की थी. उन्होंने सरकारी नीतियों को गोपनीय तरीके से प्रभावित या नियंत्रित करने वाले प्रभावशाली लोगों या एजेंसियों के भारतीय राजनीति पर प्रभाव का भी जिक्र किया. 

राहुल गांधी ने कहा, 'हमारे लिए, भारत तब जीवंत होता है, जब भारत बोलता है और जब भारत चुप हो जाता है तब ‘निष्प्राण’ हो जाता है। मैं देखता हूं कि भारत को बोलने की आजादी देने वाली संस्थाओं पर हमला किया जा रहा है- संसद, चुनाव प्रणाली, लोकतंत्र की बुनियादी संरचना पर एक संगठन द्वारा कब्जा किया जा रहा है. बातचीत को बाधित किए जाने के कारण ‘सरकारी नीतियों को गोपनीय तरीके से प्रभावित या नियंत्रित करने वाले प्रभावशाली लोग या एजेंसियां’ इन रिक्त स्थानों में प्रवेश कर रही हैं और देश में संवाद को नए तरीके से परिभाषित कर रही हैं.’

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