Ranil Wickremesinghe बने श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री, क्या संभाल पाएंगे देश के आर्थिक हालात?

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: May 12, 2022, 10:09 PM IST

Ranil Wickmesinghe

Ranil Wickremesinghe ने गुरुवार शाम श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. उनकी पार्टी को 2020 में करारी हार का सामना करना पड़ा था.

डीएनए हिंदी: श्रीलंका में विपक्ष के नेता रानिल विक्रमसिंघे को गुरुवार को देश के नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई. कुछ दिन पहले ही महिंदा राजपक्षे ने देश के बिगड़ते आर्थिक हालात के मद्देनजर हुई हिंसक झड़पों के बाद प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.

यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) के 73 वर्षीय नेता विक्रमसिंघे को राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने प्रधानमंत्री नियुक्त किया. इससे पहले दोनों ने बुधवार को बंद कमरे में बातचीत की थी. श्रीलंका के चार बार प्रधानमंत्री रह चुके विक्रमसिंघे को अक्टूबर 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने प्रधानमंत्री पद से हटा दिया था. हालांकि दो महीने बाद ही सिरीसेना ने उन्हें इस पद पर बहाल कर दिया था.

पढ़ें- Sri Lanka Crisis: महिंदा राजपक्षे की मुश्किलें बढ़ी, कोर्ट ने देश छोड़ने पर लगाई रोक

सूत्रों के अनुसार सत्तारूढ़ श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी), विपक्षी समगी जन बालावेगाया (एसजेबी) के एक धड़े और अन्य कई दलों ने संसद में विक्रमसिंघे के बहुमत साबित करने के लिए अपना समर्थन जताया है.

पढ़ें- Sri Lanka New PM: कौन हैं रानिल विक्रमसिंघे

श्रीलंका की सबसे पुरानी पार्टी यूएनपी 2020 के संसदीय चुनावों में एक भी सीट नहीं जीत सकी थी और यूएनपी के मजबूत गढ़ रहे कोलंबो से चुनाव लड़ने वाले विक्रमसिंघे भी हार गए थे. बाद में वह सकल राष्ट्रीय मतों के आधार पर यूएनपी को आवंटित राष्ट्रीय सूची के माध्यम से संसद पहुंच सके. उनके साथी रहे सजीत प्रेमदासा ने उनसे अलग होकर अलग दल एसजेबी बना लिया जो मुख्य विपक्षी दल बन गया.

पढ़ें- Sri Lanka Crisis: क्या भारतीय  सेना जाएगी श्रीलंका? कोलंबो दूतावास ने दी यह जानकारी

विक्रमसिंघे को दूरदृष्टि वाली नीतियों के साथ अर्थव्यवस्था को संभालने वाले नेता के तौर पर व्यापक स्वीकार्यता है. उन्हें श्रीलंका का ऐसा राजनेता माना जाता है जो अंतरराष्ट्रीय सहयोग भी जुटा सकते हैं. श्रीलंका 1948 में ब्रिटेन से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से सबसे बुरे आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है.

गूगल पर हमारे पेज को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें. हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करें.