डीएनए हिंदी : रूस के द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण का आज दूसरा दिन है. इस आक्रमण की वजह से पूरे यूक्रेन में भय और तबाही का आलम है. लोग भाग रहे हैं. परेशान हैं. यूक्रेन(Ukraine) की इस हालत को देखकर दुनिया भर से प्रतिक्रियाएं आ चुकी हैं. NATO समूह समेत कई देशों ने रूस का खुलकर विरोध किया है. भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी रूस(Russia) के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात कर अपनी चिंता जताई है. इस दौरान पुतिन के अपने गृहक्षेत्र में लोगों का क्या कहना है?
पत्रकारों ने साइन किया प्रोटेस्ट पेटिशन
हालांकि क्रेमलिन से निकलने वाली रूस(Russia) की ऑफिशियल लाइन समेत कुछेक सरकार समर्थित पत्रकारों ने पुतिन के इस हमले को सही ठहराया है पर रूस के अस्सी से अधिक पत्रकारों, मीडिया शख्सियतों और रिपोर्टरों ने यूक्रेन पर रूस के हमले का विरोध करते हुए एक पेटिशन साइन किया है. इनमें से अधिकतर स्वायत्त संस्थाओं में काम करते हैं. इस पेटिशन की शुरुआत येलेना चेरनेंको के द्वारा शुरू की गई थी. येलेना Kommersant अख़बार के लिए बिज़नेस रिपोर्टर हैं.
इस दौरान मॉस्को, सेंट पीटर्सबर्ग, समारा, रयाज़ान समेत अनेक शहरों में जनप्रतिनिधियों ने नागरिकों से पत्र लिखकर उनसे चुप नहीं रहने की अपील की है.
उन्होंने लिखा है, "हम लोगों द्वारा चुने हुए नगर प्रतिनिधि रूसी सेना द्वारा यूक्रेन पर हमले की कड़ी निन्दा करते हैं. यह असीम क्रूरता है जिसके लिए कोई भी दलील नहीं दी जा सकती है.
युद्ध शुरु करने वाले चोर और डकैत हैं – रूस में प्रतिपक्ष के नेता
रूस(Russia) में प्रतिपक्ष के नेता अलेक्सी नवाल्नी कोर्ट की अवमानना के एक आरोप में कोर्ट के सम्मुख पेश होने आए थे, उन्होंने इस अवसर का इस्तेमाल करते हुए अपना बयान ज़ारी किया. उन्होंने स्पष्ट कहा कि "मैं इस युद्ध के ख़िलाफ़ हूँ. मुझे लगता है कि इस युद्ध को केवल इसलिए शुरू किया गया है कि लोगों का ध्यान रूस की आंतरिक समस्याओं से हटे. मुझे लगता है कि जिन लोगों ने यह युद्ध शुरू किया है, वे चोर और डकैत हैं."
जानकारी के अनुसार गुरूवार को रूस(Russia) के भिन्न शहरों में विरोध यात्राएं हुई हैं. सोशल मीडिया से प्राप्त तस्वीरों के आधार पर देश भर में सिंगल-पिकेट की संख्या भी अचानक बढ़ गई है.