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Russia Ukraine War: क्यों व्लादिमीर पुतिन दूसरे विश्व युद्ध का हवाला देकर यूक्रेन अटैक को ठहरा रहे हैं जायज?

यूक्रेन पर भीषण हमले को व्लादिमीर पुतिन जायज ठहरा रहे हैं. पुतिन नाज़ीवाद और सेकेंड वर्ल्ड वॉर का जिक्र करके अपने अटैक को सही ठहरा रहे हैं.

Russia Ukraine War: क्यों व्लादिमीर पुतिन दूसरे विश्व युद्ध का हवाला देकर यूक्रेन अटैक को ठहरा र�हे हैं जायज?

Russia President Vladimir Putin.

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डीएनए हिंदी: रूस (Russia) के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Valdimir Putin) यूक्रेन (Ukraine) पर सैन्य हमले को सही ठहरा रहे हैं. पुतिन ने दुनिया को यह संदेश देने की कोशिश की है कि उनका मकसद यूक्रेन में आतंकवाद को खत्म करना है. व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को कहा है कि यूक्रेन की सरकार नाजी अतंकियों की तरह बर्ताव कर रही है और अपने नागिरकों को ढाल बना रही है. पुतिन ने परमाणु हमले से लेकर होलोकॉस्ट तक का जिक्र करते हुए अपने हमले को सही ठहराने की कोशिश की है.

व्लादिमीर पुतिन अपने हमले को जायज ठहराने के लिए द्वितिय विश्व युद्ध और नाजीवाद का जिक्र किया है. पुतिन का यह दावा बेहद खतरनाक है. लोग पुतिन के इस हमले को उनकी क्रूर मंशा के तौर पर देख रहे हैं. यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) यूक्रेन के पहले यहूदी राष्ट्रपति हैं. होलोकॉस्ट के दौरान वलोडिमिर जेलेंस्की के परिजन भी मारे गए थे. नाजियों ने उनकी हत्या कर दी थी. जेलेंस्की पुतिन को नाजी बता रहे हैं और पुतिन यूक्रेन के राष्ट्रपति को.

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यूक्रेन में 10,000 से ज्यादा यहूदी परिवार रहते हैं. इजराइल (Israel) के नागरिकों के लिए रूस का यूक्रेन पर हमला सही नहीं है. नागरिक इसे गलत ठहरा रहे हैं वहीं इजराइली सरकार इस संवेदनशील विषय पर बेहद सावधानी के साथ आगे बढ़ रहा है. वह अपने संबंध रूस के साथ खराब नहीं करना चाहता है. इजराइल लेकिन यह भी नहीं भूला है कि नाजियों ने होलोकॉस्ट में 6 मिलियन यहूदियों की निर्मम हत्या कर दी थी.

Holocaust.

रूस का क्या है द्वितिय विश्व युद्ध से रिश्ता?

द्वितीय विश्व युद्ध में सोवियत संघ (USSR) ने करीब 27 मिलियन लोगों को खो दिया था. रूस इसे कभी नहीं भूलता है. रूस के अधिकारी विश्व युद्ध के भीषण नरसंहार में अपनी भूमिका पर मौन हो जाते हैं. कुछ इतिहासकारों का कहना है कि रूस युद्ध की ऐतिहासिक सच्चाइयों को छिपाता है. जानकारों का मानना है कि नाजियों के खिलाफ क्रूर दमन में सोवियत संघ की अहम भूमिका रही है. यहूदियों पर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ उस वक्त रूस भी खड़ा था.

क्यों रूस को लग रहा है कि नाजीवाद के रास्ते पर है यूक्रेन?

रूस का कहना है कि यूक्रेन नाजीवाद के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है. रूस का निशाना उन लोगों पर है जिन्होंने 2014 से ही रूसी समर्थक नेतृत्व का विरोध किया था और उसे बाहर कर दिया था. रूस 1941 को आज से जोड़ रहा है. जब सोवियत संघ का विघटन नहीं हुआ था और जर्मन नाजियों ने यूक्रेन पर कब्जा कर लिया था.  उस वक्त कुछ यूक्रेनी राष्ट्रवादियों ने अपने सोवियत संघ के विरोधियों को चुनौती देने के लिए नाजी हमलावरों का स्वागत किया था. इजराइल के याद वाशेम (Yad Vashem) होलोकॉस्ट मेमोरियरल में इस बाद का जिक्र भी है. 

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2014 के बाद से यूक्रेन के कुछ राजनेताओं ने उसी दौर के राष्ट्रवादी सेनानियों को महिमामंडित करने की मांग उठाई है. रूस के खिलाफ यही विरोधी हमेशा से मुखर रहे हैं. यूक्रेन की मौजूदा सरकार पर नाजी होने का आरोप लगाना बेहद गलता है. यह सच्चाई से बिलकुल उलट है. यूक्रेन की मौजूदा सरकार लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चुनी गई सरकार है. यूक्रेन पश्चिमी देशों की राह पर आगे बढ़ा है. रूस समर्थित सरकार 2014 से ही यूक्रेन में नहीं है. 

क्या है यूक्रेन की मौजूदा हालत?

यूक्रेन में महज 10,000 यहूदी आबादी है. संयोग से रूस के मौजूदा राष्ट्रपति भी यहूदी ही हैं. रूस भले ही यूक्रेन पर अलोकतांत्रिक, भ्रष्ट और आतंकवाद का आरोप लगा रहा हो लेकिन स्थितियां अलग हैं. यह एक लोकतंत्रिक प्रक्रिया से चुनी गई सरकार है, जिसका झुकाव पश्चिमी देशों की ओर है. यूक्रेन के मौजूदा राष्ट्रपति का झुकाव नाटो देशों और अमेरिका की ओर है जो रूस के धुर विरोधी हैं. पुतिन नहीं चाहते हैं कि यूक्रेन कभी नाटो में शामिल हो. यही वजह है कि यूक्रेन पर पुतिन ने हमला भी किया है.

यूक्रेन रूस अटैक.

यूक्रेन पर हमले को क्यों सही ठहरा रहे हैं पुतिन?

पुतिन को डर है कि अगर नाटो देशों ने यूक्रेन में पैठ बना ली तो इतने बड़े संगठन से भिड़ना रूस के लिए आसान नहीं होगा. इनके साथ ही रूस के चिर प्रतिद्वंद्वी देश अमेरिका का हाथ भी यूक्रेन पर है. रूस चाहता है कि किसी भी कीमत यूक्रेन नाटो में शामिल न हो. यही वजह है कि पुतिन ने यूक्रेन पर भीषण हमला भी किया है. विश्व युद्ध के जरिए यूक्रेन हमले को सही ठहराने का मकसद भी यही है. यूक्रेन में सरकार समर्थक आतंकी भी नहीं हैं. लुहांस्क और डोनेट्स्क के कुछ हिस्से में रूस समर्थित अलगाववादी आतंकी गतिविधियों में शामिल रहे हैं. जानकारों का कहना है कि ऐसी स्थिति में यूक्रेन को आतंकी देश कहकर पुतिन सिर्फ अपने हमले को जायज ठहराने का बहाना ढूंढ रहे हैं.

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