Russia Ukraine War: युद्धग्रस्त कीव में रुका भारतीय डॉक्टर, बोला- फंसा नहीं, अपनी मर्जी से यहां हूं

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Mar 06, 2022, 11:02 AM IST

Doctor refused to leave kyiv

कोलकाता के रहने वाले 37 साल के डॉ. पृथ्वीराज घोष ने फैसला किया है कि वह यूक्रेन नहीं छोड़ेंगे.

डीएनए हिंदी: एक तरफ जहां हर भारतीय की पुकार है कि उन्हें Ukraine के वॉर जोन से सुरक्षित देश वापस लाया जाए वहीं एक यूक्रेन में एक ऐसा भारतीय डॉक्टर है जो इस मुश्किल समय में वहां से लौटना नहीं चाहता. कोलकाता के रहने वाले 37 साल के डॉ. पृथ्वीराज घोष ने फैसला किया है कि वह यूक्रेन नहीं छोड़ेंगे बल्कि वहां रहकर भारतीय छात्रों के इवैकुएशन में मदद करेंगे.

घोष ने कहा, मैं कीव में फंसा हुआ नहीं हूं. मैं अपनी मर्जी से यहां रह रहा हूं. मैंने करीब 350 छात्रों की यूक्रेन से निकलने में मदद की है. वे सभी मेरे छात्र थे. जो कोऑर्डिनेटर्स यहां से निकल चुके हैं उन्होंने मुझसे कहा कि मैं यूक्रेन की अलग-अलग जगहों पर फंसे छात्रों की मदद करूं खासतौर पर Sumi के छात्रों की मदद.

बता दें कि सुमी में इस वक्त करीब 700 छात्र हैं और वे सभी अब अपना धैर्य खो चुके हैं. रोज उन्हें बैगपैक लेकर तैयार रहने को कहा जाता है लेकिन अभी तक इवैकुएशन नहीं हुआ है. अब वहां लाइट और पानी की परेशानी भी हो रही है. वहां के छात्रों ने बताया कि देर रात वहां बिजली कट गई. पानी पहले से ही नहीं आ रहा था जिसकी वजह से वे पानी की बाल्टियों में बाहर से बर्फ इकट्ठी कर ला रहे थे.

बच्चों को जानकारी दी गई कि हॉस्टल हाइलाइट न हो, अंधेरा रखना है इसलिए लाइट काटी गई है जबकि पिछले दस दिन से ऐसा नहीं हुआ था. अब जानकारी है कि सुबह लाइट आ जाएगी. देखने वाली बात है कि सुमी में फंसे छात्र कब देश लौटते हैं.

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