डीएनए हिंदी: रूस के लगातार हमलों की वजह से यूक्रेन में हालात दिन ब दिन खराब से खराब होते जा रहे हैं. यूक्रेन की बिगड़ती हालत भारतीयों के लिए भी चिंता का विषय बनी हुई है क्योंकि हमारे देश के हजारों बच्चे इस वक्त यूक्रेन में फंसे हुए हैं. भारत सरकार ने विदेशी धरती पर मुसीबत झेल रहे इन छात्रों को सुरक्षित भारत लाने के लिए मिशन गंगा की शुरुआत की लेकिन यूक्रेन इस कोशिश में मदद करता नजर नहीं आ रहा है.
डीएनए हिंदी ने Sumi (ईस्ट यूक्रेन) में फंसे बच्चों से बात की तो ऐसी अपडेट मिली जो हर किसी की चिंता बढ़ा सकती है. सुमी यूनिवर्सिटी की जिया बलूनी ने बताया कि इंडियन एंबेसी के अधिकारी बसों के साथ सुमी-रूस बॉर्डर पर हैं लेकिन यूक्रेन की सरकार ने क्लियरेंस नहीं दिया है. सुमी यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले एक टीचर ने बच्चों को यह जानकारी दी. इस मैसेज के साथ ही बच्चों को अलर्ट रहने को कहा गया. क्योंकि यूक्रेन सरकार के रवैये से ऐसा लग रहा है कि अगर सफर के दौरान किसी छात्र को कुछ होता है तो इसकी जिम्मेदारी कोई नहीं लेगा.
इस बीच सुमी के 5 से 10 किलोमीटर के दायरे में रह रह कर बमबारी हो रही है. बीती शाम यानी कि 3 मार्च को शाम 6.30 पर सुमी में जोरदार धमाका हुआ जिसके बाद सभी छात्र बेसमेंट में भेज दिए गए. जिया ने एक वॉइस नोट शेयर किया. इस वॉइस नोट में दहशत साफ सुनाई दे रही है. ये छात्र पिछसे दस दिन से बंकर और हॉस्टल के कमरे की दौड़ लगा रहे हैं. मुश्किल ही ऐसी कोई रात रही होगी जब ये सुकून से अपने कमरे में सोए होंगे. हर वक्त एक इमरजेंसी सिचुएशन के लिए तैयार ये छात्र अब सरकार से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि वे यूक्रेन सरकार से बात करे और उन्हें इस मुसीबत से बचाए.
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