Russia-Ukraine War: Sumy में भारतीय छात्रों के लिए एक और निराश भरा दिन, बोले- अब टूट रही है हिम्मत

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Mar 07, 2022, 11:17 PM IST

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Sumy में करीब 700 भारतीय छात्र फंसे हुए हैं, जहां रूस और यूक्रेन के सैनिकों के बीच पिछले कुछ दिन से भीषण संघर्ष चल रहा है.

डीएनए हिंदी: भारी गोलाबारी और हवाई हमलों के बीच युद्ध प्रभावित यूक्रेन के सूमी से निकलने का इंतजार कर रहे भारतीय छात्रों के लिए एक और दिन निराशा भरा रहा. छात्रों ने कहा कि अब उनकी हिम्मत जवाब देने लगी है.

छात्र आशिक हुसैन सरकार ने रुंधे गले से PTI से बातचीत में कहा, "हम हाड़ गला देने वाली सर्दी में तीन घंटे तक बसों में चढ़ने के लिए कतार में खड़े रहे और अब हमें कह दिया गया कि हम जा नहीं सकते. यह सब कब खत्म होगा? हमारी हिम्मत जवाब दे रही है. सब्र का बांध टूट रहा है. हमें अभी भी कोई अपडेट नहीं मिला है."

सूमी में करीब 700 भारतीय छात्र फंसे हुए हैं, जहां रूस और यूक्रेन के सैनिकों के बीच पिछले कुछ दिन से भीषण संघर्ष चल रहा है. शहर से अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए भारत प्रयास कर रहा है लेकिन भारी गोलाबारी और हवाई हमलों की वजह से उसे सफलता नहीं मिल पा रही.

मेडिकल छात्रा जिसना जिजी ने कहा, "भारतीय दूतावास ने हमें यहां से 174 किलोमीटर दूर पोलटावा ले जाने के लिए पांच-छह बसें भेजी थीं. हम इन बसों में चढ़े लेकिन हमें कुछ ही देर बाद उतरने के लिए कह दिया गया. दूतावास ने हमें बताया कि अगली सूचना तक इंतजार करें. हमने इंतजार करने का फैसला किया है."

मेडिकल की चौथे वर्ष की पढ़ाई कर रहे अजीत गंगाधरन ने कहा, "हम पैदल निकलने के लिए तैयार ही थे, लेकिन सरकार ने हमें रुकने और कोई जोखिम नहीं लेने को कहा. हम रुक गए, लेकिन कब तक?"

यूक्रेन के उत्तर पूर्वी शहर में फंसी हुई एक भारतीय छात्रा ने एक वीडियो संदेश में कहा कि वह और कुछ छात्र पिछले 10 दिन से इंतजार कर रहे हैं लेकिन उम्मीद की कोई किरण नहीं दिखाई दे रही कि उन्हें कब वहां से निकाला जाएगा.

सूमी स्टेट यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली छात्रा ने बताया कि वहां न बिजली है, न पानी आ रहा है और दुकानदार क्रेडिट या डेबिट कार्ड नहीं ले रहे, वहीं एटीएम में भी पैसा नहीं है. उसने कहा, "हम जरूरी सामान और खाने की चीजें भी नहीं खरीद पा रहे."

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सूमी में फंसे भारतीय छात्रों ने शनिवार को एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर डालकर घोषणा की थी कि उन्होंने संघर्ष के बीच कड़ाके की सर्दी में रूस की सीमा तक पैदल जाने का जोखिम लेने का फैसला किया है. इसके बाद दिल्ली में सरकारी हलके में उनकी सुरक्षा को लेकर आशंकाएं पैदा हो गईं.

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वीडियो जारी होने के कुछ ही समय बाद भारत सरकार ने छात्रों से बंकरों और अन्य आश्रयस्थलों में ही ठहरने को कहा और आश्वासन दिया कि उन्हें जल्द बाहर निकाला जाएगा. यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने कहा कि सूमी में फंसे भारतीय छात्रों की पोलटावा से होते हुए पश्चिमी सीमाओं तक सुरक्षित निकासी में समन्वय के लिए मिशन का एक दल पोलटावा शहर में तैनात है. छात्रों को संक्षिप्त नोटिस पर निकलने के लिए तैयार रहने को कहा गया है.

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