डीएनए हिंदी: रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया है और संकट के इस हालात में 20,000 के करीब भारतीय छात्र फंसे हुए हैं. केंद्र सरकार ने यूक्रेन से भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए प्लान पर काम करना शुरू कर दिया है. फिलहाल दूतावास ने हेल्पलाइन और निर्देश जारी किए हैं. यूक्रेन में एयरस्पेस बंद होने की वजह से सरकार वैकल्पिक रास्तों से छात्रों को वापस लाने की योजना पर काम कर रही है. आज दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक हाई लेवल मीटिंग की गई है.
रक्षा मंत्री और NSA भी रहे मीटिंग में मौजूद
मीटिंग में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, कैबिनेट सचिव और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल भी मौजूद रहे थे. मीटिंग में सभी विकल्पों पर विचार किया गया है और प्राथमिकता के साथ भारतीयों को वापस लाने के प्लान पर काम करने पर सहमति बनी है.
पोलैंड के रास्ते लाए जाएंगे भारतीय
विदेश सचिव हर्ष वी. शृंगला ने मीटिंग के बाद बताया कि यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को पोलैंड के रास्ते भारत लाया जाएगा. इस प्लान को अंजाम देने के लिए विदेश मंत्री एस. जयशंकर पोलैंड, रोमानिया, स्लोवाक रिपब्लिक और हंगरी के विदेश मंत्रियों से बात करेंगे. पोलैंड-यूक्रेन की सीमा पर भारतीय दूतावास ने अपना कैंप लगा लिया है. हंगरी सरकार भी भारतीयों की वापसी में मदद कर रही है.
पढ़ें: Russia Ukraine War: 5 पॉइंट्स में समझें रूस और यूक्रेन के बीच क्यों है तनाव?
एयरलिफ्ट करने के विकल्पों पर भी हुआ विचार
शृंगला ने कहा कि इंडियन एयरफोर्स की मदद से भारतीयों को सीधे यूक्रेन से एयरलिफ्ट करने की संभावना पर भी बात की गई है. उन्होंने कहा, 'हम रक्षा मंत्रालय के साथ संपर्क में है ताकि यूक्रेन की सिचुएशन के हिसाब से कदम उठाया जा सके. इसके लिए विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर आज रात यूक्रेन के विदेश मंत्री से बात करेंगे.' विदेश सचिव ने कहा कि यूक्रेन की राजधानी कीव से सभी भारतीयों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की तैयारी कर ली गई है. सड़क मार्गों की मैपिंग का काम पूरा हो चुका है.
पढ़ें: PM Narendra Modi ने की रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात, जानिए यूक्रेन पर क्या कहा
हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करें.