डीएनए हिंदी: रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच जारी जंग हर दिन भीषण होती जा रही है. उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) के प्रमुख जेन्स स्टोल्टेनबर्ग (Jens Stoltenberg) ने कहा है कि रूस फॉल्स फ्लैग अटैक के लिए रसायनिक हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है.पश्चिमी सैन्य गठबंधन के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'हम चिंतित हैं कि रूस यूक्रेन में संभवतः रसायनिक हथियारों के साथ एक फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन चला सकता है.'
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क्या है फॉल्स फ्लैग अभियान?
फॉल्स फ्लैग अभियान किसी देश पर जबरन आक्रमण का हिस्सा है. इस मिशन के तहत सरकार अपने ही इलाके पर पहले खुद से हमला करवाती है, फिर इसका इल्जाम अपने विरोधी देश पर डालकर जवाबी कार्रवाई के बहाने उसपर हमला कर देती है. रूस और यूक्रेन के बीच लगातार बढ़ रहे विवाद को ध्यान में रखते हुए कई पश्चिमी देशों ने आशंका जताई है कि रूस ऐसा कर सकता है.
पहले भी कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था यूक्रेन के खिलाफ लड़ाई में रूस ने चीन से सैन्य मदद मांगी थी. नाटो प्रमुख स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि चीन को अंतरराष्ट्रीय कानून को बनाए रखना चाहिए क्योंकि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य है.
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चीन से दुनिया को क्या है उम्मीद?
जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा है कि रूस को दी गई कोई भी सैन्य मदद यूक्रेन की स्वतंत्रता के लिए खतरा है. यूक्रेन में जारी युद्ध और भयावह हो सकता है, जिसमें कई लोगों की मौत होगी. लोग इससे तबाह हो रहे हैं. चीन का यह दायित्व है कि विश्व शांति की दिशा में काम करे.
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