Exclusive Interview: '8 साल से रूसियों पर बम बरसाए जा रहे थे तब किसी को दर्द नहीं हुआ'

Written By पुष्पेंद्र शर्मा | Updated: Mar 12, 2022, 04:36 PM IST

tatiana kukhareva

रूसी सरकार की न्यूज एजेंसी स्पूतनिक की डिप्टी हेड ततानिया कोकरीवा से डीएनए हिंदी रिपोर्टर लोकेन्द्र सिंह ने की खास बातचीत

डीएनए हिंदी: रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War)  पर भारत तटस्थ रुख अपनाए हुए है. रूस की वजह से अमेरिका भारत पर काफी दबाव डाल रहा है लेकिन भारत बेहद मजबूत देश है और वो ऐसे दबाव झेल सकता है. रूसी सरकार की न्यूज एजेंसी स्पूतनिक की डिप्टी हैड ततानिया कोकरीवा का कुछ ऐसा ही कहना है. डीएनए हिंदी से खास बातचीत में ततानिया कोकरीवा ने रूस-यूक्रेन युद्ध के कुछ अलग पहलुओं को साझा किया है.   

मार्च में रूस पर हमला करने वाला था यूक्रेन 
रूस और यूक्रेन में चल रही जंग पर रूस की वरिष्ठ पत्रकार ने खुलकर बात की और बताया कि कैसे इस पूरे युद्ध की शुरुआत हुई. वरिष्ठ पत्रकार ततानिया के मुताबिक रूस ने यूक्रेन पर इस वजह से हमला किया क्योंकि मार्च में यूक्रेन उससे हाल में ही अलग हुए डोनबास्क पर हमला करने जा रहा था. इस युद्ध के लिए अमेरिका ने जनवरी के आखिरी हफ्ते में यूक्रेन को 91 टन गोला बारूद और दूसरे हथियार दिए थे. अमेरिका रूस में गड़बड़ी फैलाने के लिए अरबों डॉलर की फंडिंग कर रहा है. 

पाकिस्तान PM Imran Khan ने विपक्ष को धमकाया, कहा- एक इनस्विंग यॉर्कर में 3 विकेट ले लूंगा

ततानिया ने कहा, “जनवरी में ही अमेरिका ने 91 टन गोला बारुद और हथियार यूक्रेन को दिए थे. रूसी सेना को यूक्रेन में युद्ध के दौरान वहां से जो दस्तावेज मिले हैं उसके मुताबिक वो मार्च में डोनबास्क पर हमला करने वाले थे”

प्रधानमंत्री मोदी मजबूत, रूस को समर्थन देते रहेंगे
इस जंग में भारत ने रूस का पूरा साथ दिया. संयुक्त राष्ट्र में लाए गए प्रस्तावों से भारत ने खुद को अलग रखा. इस बात को लेकर अमेरिका भारत से खासा नाराज हुआ लेकिन भारत ने अपने पुराने साथी रूस की बुरे वक्त में मदद की वो भी इस बात का खतरा उठाते हुए कि वो खुद आर्थिक प्रतिबंधों का शिकार हो सकता है. ततानिया भी मानती हैं कि भारत पर अमेरिका का काफी दबाव है लेकिन उनके मुताबिक अमेरिका ऐसा देश है जो अपने दोस्तों को कभी भी धोखा दे सकता है जबकि भारत और रूस ने हमेशा बुरे वक्त में एक दूसरे का साथ निभाया है. 

Russia-Ukraine War: यूक्रेन में फंसी भारतीय बहू, पति है दिल्ली में, सरकार से लगाई मदद की गुहार

ततानिया ने कहा, “भारत के प्रधानमंत्री को भी ये बात समझ आती होगी कि अमेरिका केवल अपने हितों का ख्याल रखता है. इसके लिए वो अपने साथियों को भी धोखा देने से बाज नहीं आता जबकिभारत और रूस एक दूसरे के सच्चे दोस्त हैं ” 

8 साल से रूसियों पर बम बरसाए जा रहे थे
रूस और यूक्रेन के बीच का ये विवाद बहुत पुराना है. दरअसल दक्षिण-पूर्वी यूक्रेन में रूसी मूल के लोग रहते आए हैं जो रूसी भाषा बोलते हैं और वो खुद को यूक्रेनी नागरिक से ज्यादा रूस का नागरिक मानते हैं. साल 2014 में रूस की ओर झुकाव रखने वाले राष्ट्रपति का तख्तापलट करने के बाद पेट्रो राष्ट्रपति बने और उन्होंने पूरे यूक्रेन में यूक्रेनी भाषा बोलना और लिखना जरूरी कर दिया. 

Putin ने हार की बौखलाहट में छीने 8 जनरलों के पद, जानिए कैसा है Russian Army का सैन्य ढांचा

बिना यूक्रेनी भाषा सीखे हाईस्कूल पास करने पर रोक लगा दी गई थी. जब दक्षिण-पूर्वी यूक्रेन के लोगों पर ये सब थोपा गया तो वो खुद को अपने ही देश में सेकेंड क्लास शहरी समझने लगे और इसी विद्रोह को दबाने के लिए यूक्रेन 8 साल से दक्षिण-पूर्वी यूक्रेन के रूसी लोगों पर बम बरसा रहा है. 

Ukraine संकट पर बोले जो बाइडेन- रूस और NATO भिड़े तो होगा तीसरा विश्व युद्ध

उन्होंने कहा, “मैं पूरी संवेदना से कहना चाहती हूं कि कीव में लोग पिछले दो हफ्ते से बम शेल्टर में रह रहे हैं और पूरी दुनिया में शोर मचा हुआ है. डोनबास्क में लोग पिछले 8 साल से बम शेल्टरों में रह रहे हैं और यूक्रेनी सरकार को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था”

ततानिया ने उम्मीद जताई है कि अगर यूक्रेन रूस की शर्तें मान लेता है तो ये युद्ध बंद हो सकता है लेकिन यूक्रेन इस युद्ध को तीसरे विश्वयुद्ध में बदलना चाहता है. यही वजह है कि वो बातचीत की टेबल पर आकर भी बात नहीं कर रहा है.