डीएनए हिंदी: संयुक्त राष्ट्र महासभा ने यूक्रेन में मानवीय संकट के लिए रूस को दोषी ठहराने वाले प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और तत्काल संघर्ष विराम का आग्रह किया है. भारत समेत 38 देश इससे दूर रहे. 140 देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया जबकि 5 ने इसके खिलाफ मतदान किया.
विदेश मामलों और सुरक्षा नीति के लिए यूरोपीय संघ के उच्च प्रतिनिधि जोसेफ बोरेल ने ट्वीट कर कहा, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने फिर से बात की है. UNGA रूस द्वारा शत्रुता को तत्काल समाप्त करने की मांग करता है. विशेष रूप से नागरिकों के खिलाफ हमले तत्काल रुकने चाहिए. यूक्रेन के खिलाफ आक्रामकता के मानवीय परिणामों पर संकल्प के लिए 140 वोट मिले हैं. रूस को जवाबदेह ठहराया जाएगा.
भारत ने क्यों किया UNGA में वोट से परहेज?
भारत ने प्रस्ताव से यह कहते हुए परहेज किया कि अब हमें शत्रुता की समाप्ति और तत्काल मानवीय सहायता पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, मसौदा प्रस्ताव इन चुनौतियों पर हमारी उम्मीदों को पूरा नहीं करता है.
इसके साथ ही भारत ने तत्काल मानवीय सहायता का आह्वान किया है. वहीं यूक्रेन की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने आगे कहा कि भारत अब तक दी गई मानवीय सहायता के नौ अलग-अलग चरणों के हिस्से के रूप में यूक्रेन और उसके पड़ोसियों को 90 टन से अधिक मानवीय आपूर्ति पहले ही भेज चुका है.
आवश्यक 9 वोट नहीं मिले
बुधवार को भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 12 अन्य सदस्यों के साथ यूक्रेन में मानवीय संकट पर रूस के एक प्रस्ताव से अलग हो गया था. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) प्रस्ताव पारित करने में विफल रहा क्योंकि उसे आवश्यक 9 वोट नहीं मिले. केवल रूस और चीन ने UNSC के प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया. भारत ने पहले सुरक्षा परिषद में दो मौकों पर और एक बार यूक्रेन पर रूसी हमलों के प्रस्तावों पर महासभा में भाग नहीं लिया था.