डीएनए हिंदी: यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) से यरुशलम में मिलने का प्रस्ताव रखा है. खास बात यह है कि जेलेंस्की ने इजरायली प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट (Naftali Bennett) को मध्यस्थता निभाने को कहा है. वहीं इजरायली पीएम भी इस मामले में आगे बढ़कर सामने आए हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि जेलेंस्की को इजरायल के पीएम पर इतना भरोसा क्यों है तो वहीं नफ्ताली मध्यस्थ की भूमिका क्यों निभाना चाहते हैं? इस सवाल के कई जवाब हैं.
दरअसल इजरायल के रूस और यूक्रेन दोनों के साथ महत्वपूर्ण संबंध हैं और बेनेट खुद इस मामले में मध्यस्थ बनने की कोशिश कर रहे थे. यह भी अहम है कि बेनेट व्लादिमीर पुतिन से व्यक्तिगत रूप से बात करने वाले पहले विदेशी नेता थे. हफ्तेभर पहले पिछले शनिवार को इजरायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ यूक्रेन संकट पर चर्चा की थी.
यूक्रेन में लाखों यहूदी
इजरायल के लिए हाल की कुछ चिंताएं हैं. यूक्रेन में लाखों यहूदी लोग रहते हैं, जो इस्राइल को अपना घर बनाना चाहते हैं. ये लोग इजरायल के Law of Return के तहत योग्य हैं. यह लॉ यहूदियों को इजरायल में स्थानांतरित होने और इजरायल की नागरिकता हासिल करने का अधिकार देता है.
दुनियाभर में यहूदी मान्यताओं को मानने वाले लोगों के अधिकारों के प्रति इजरायल की संवेदनशीलता दिखाई देती है. इजरायल ने 5 हजार यूक्रेनी शरणार्थियों को ले जाने और युद्ध से पहले आने वाले 20 हजार अन्य लोगों को अस्थायी रूप से रहने की अनुमति देने की भी पहल की है. इजरायल ने यूक्रेन को 100 टन मानवीय सहायता पहुंचाई है और वहां एक फील्ड हॉस्पिटल भी बनाने की तैयारी कर रहा है.
यह हो सकती है वजह
दूसरी ओर रूस सीरिया के आसमान को कंट्रोल करता है जहां इजरायल नियमित रूप से हवाई हमले करता है. इजरायल हथियारों के हस्तांतरण और ईरान से जुड़े आतंकवादियों को टार्गेट करता है. इस देश को वह एक संभावित खतरे के रूप में देखता है. यूक्रेन के बहाने इजरायल रूस के साथ अपने क्षेत्रीय संकट पर भी चर्चा कर सकता है.
इजरायल के नेतृत्व का मानना है कि रूस के साथ उसके संबंध एक शुरुआत हैं. यह मास्को और पश्चिम के बीच भी एक पुल हो सकता है. हालांकि इजरायल के नेतृत्व ने बड़े पैमाने पर रूस के लिए पश्चिम के दृष्टिकोण के साथ नहीं होने फैसला किया है. इजरायल मास्को के खिलाफ ताजा प्रतिबंधों में शामिल नहीं हुआ है.
हालांकि इसने इजरायल के भीतर एक बहस छेड़ दी है. इजरायल ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस की निंदा करने वाले प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किया. कुछ ने इसे अमरीका के साथ इजरायल के संबंधों के लिए एक गंभीर गलती बताया. इजरायल अंततः संयुक्त राष्ट्र महासभा में मास्को की निंदा करने के लिए वोट में शामिल हुआ.