डीएनए हिंदी: रूस के एक सनकी वैज्ञानिक ने ऐसा काम किया है, जिसे जानकर आप सिर पकड़ लेंगे. वह प्रोफेशनल सर्जन नहीं है फिर भी उसने हैंडहेल्ड ड्रिल से अपने दिमाग की सर्जरी कर ली. इस कोशिश में वह मरते-मरते बचा है.
न्यूज़वीक की एक रिपोर्ट के मुताबिक माइकल रादुगा इस सर्जरी के जरिए अपने सपनों को कंट्रोल करना चाहते थे. वह दिमाग में एक माइक्रोचिप इंस्टाल करना चाहते थे. उन्होंने सोचा कि खुद से ही सर्जरी करके इसे इंस्टाल कर लेंगे.
रूसी शहर नोवोसिबिर्स्क में रहने वाले इस शख्स ने अपने ट्विटर हैंडल पर अपने कोशिश की तस्वीरें शेयर की हैं. न्यूरोसर्जरी के लिए इस शख्स ने यूट्यूब पर वीडियो देखा और खुद की सर्जरी में ही जुट गया.
ड्रिल मशीन से दिमाग में कर लिया छेद
माइकल ने कहा, 'मैंने एक ड्रिल खरीदी, अपने सिर में एक छेद किया और अपने मस्तिष्क में एक इलेक्ट्रोड प्रत्यारोपित किया. ऑपरेशन के दौरान खून की कमी की वजह से मौत होने के मुंह में पहुंच गया था लेकिन नतीजे संभावनाओं से भरे हुए निकले.'
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साइंटिस्ट माइकल ने 18 जुलाई को ग्राफिक शेयर किया है. उन्होंने कैप्शन दिया, '17 मई, 2023 को, मैंने अपने मस्तिष्क के मोटर कॉर्टेक्स का ट्रेपनेशन, इलेक्ट्रोड इम्प्लांटेशन और इलेक्ट्रिक स्टिमुलेशन किया.' इस दौरान उनकी हालत बिगड़ गई और अस्पताल ले जाने की नौबत आ गई.
1 लीटर बह गया खून, दिमाग में सेट किया इलेक्ट्रोड
माइकल रेडुगा का अस्पताल में ट्रीटमेंट चला. उनका खून ज्यादा बह गया था. उन्होंने जो तस्वीरें शेयर की हैं उनमें चेहरे पर कई पट्टियां बंधी हैं. साथ ही एक एक्स-रे भी दिखाया गया है जिसमें उसके सिर के अंदर इलेक्ट्रोड दिखाई दे रहा है.
रशिया टुडे के मुताबिक माइकल रादुगा 40 साल के हैं और उन्हें एक साल पहले अपने मस्तिष्क में इलेक्ट्रोड स्थापित करने का विचार आया था. वह स्लीप पैरालिसिस पर रिसर्च कर रहे हैं.
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माइकल खुद पर ही प्रयोग करते हैं. उन्होंने शुरुआत में न्यूरोसर्जन से संपर्क करने के बारे में सोचा था लेकिन ऑपरेशन करने वाले डॉक्टरों ने ऐसा करने से मना कर दिया. वह ऐसा करते तो उनके खिलाफ आपराधिक मामले भी चल सकते थे. चार घंटे की सर्जरी के दौरान उनका लगभग एक लीटर खून बह गया. वह लगभग मौत के मुहाने पर पहुंच गए थे.
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