डीएनए हिंदी: 24 फरवरी की सुबह यूक्रेन के कई लोगों की नींद बमबारी और धमाकों की आवाज़ से खुली होगी. किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी कि सुबह जब वो उठेंगे तो उनका देश युद्धग्रस्त भूमि बन चुका होगा. 23 फरवरी की रात रूस ने यूक्रेन पर हमला बोलने की पूरी तैयारी की और 24 फरवरी की सुबह आते-आते ऐसे युद्ध का आगाज़ हो गया जो अब तक जारी है. दुनिया भर के देश इस युद्ध का विरोध कर रहे हैं, विडंबना यह कि खुद रूस के लोग भी यह युद्ध नहीं चाहते, फिर भी यह युद्ध हो रहा है और इसमें मासूमों की जान जा रही है.
2,490 रूसी नागरिक भेजे गए जेल
रूस के लोग यह युद्ध नहीं चाहते. वह खुद अपनी सरकार का विरोध कर रहे हैं. मगर उनकी सरकार इस समय कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है. विरोध करने वाले अपने ही नागरिकों को रूसी सरकार या तो जेल में डाल रही है या उनके विरोध को खत्म करने की कोशिश की जा रही है. एक ह्यूमन राइट्स मीडिया प्रोजेक्ट OVD-Info की रिपोर्ट के अनुसार युद्ध का विरोध करने वाले 2,490 रूसी नागरिकों को जेल भेजा जा चुका है.
रूस के 50 से ज्यादा शहरों में युद्ध का विरोध
रूस की राजधानी मॉस्को सहित 53 शहरों में इस युद्ध के खिलाफ बड़े स्तर पर प्रदर्शन हुए हैं. रूस की संसद से लेकर कई सरकारी इमारतों के बाहर जमा होकर लोगों ने इस युद्ध का विरोध किया है. हालांकि नियम सख्त करते हुए अब रूस में किसी भी जगह विरोध करने के लिए जमा हो रही भीड़ को गिरफ्तार करने के आदेश दे दिए गए हैं. युद्ध का विरोध करने वाले रूसी लोगों में कई ऐसे भी हैं, जिनका परिवार या रिश्तेदार यूक्रेन में फंसे हुए हैं.
ये लोग युद्ध का विरोध करते हुए बातचीत के जरिए मसला सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं. कुछ लोग फूल लेकर मॉस्को में यूक्रेन के दूतावास भी पहुंचे थे, ताकि मसले का कोई शांतिपूर्ण हल निकाला जा सके. रूस के लोग नहीं चाहते कि यह युद्ध हो, वे लगातार अपनी सरकार से अपील कर रहे हैं कि यह युद्ध बंद किया जाए. कई रूसी सेलेब्रिटीज ने यहां तक कहा है कि यह युद्ध पुतिन का है, रूस का नहीं.
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जेलेंस्की ने की थी रूसी जनता से अपील
बता दें कि रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद जेलेंस्की ने अपने एक संबोधन में रूसी जनता से युद्ध रोकने की अपील की थी. जेलेंस्की ने कहा था, 'आप इंसानियत के नाते अपनी आवाज उठाइए और इस युद्ध का विरोध कीजिए, अपने राष्ट्रपति से कहिए कि यह युद्ध रोक दें.'
150 से अधिक रूसी अधिकारियों ने भी दर्ज किया युद्ध का विरोध
150 से अधिक वरिष्ठ रूसी अधिकारियों ने भी युद्ध का विरोध करने के लिए एक खुले खत पर हस्ताक्षर किए हैं. इसमें उन्होंने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के यूक्रेन पर हमले को विध्वंस करार देते हुए इसकी जमकर निंदा की है. उन्होंने भी इस खत में यूक्रेन पर हमले के लिए रूस को नहीं, बल्कि पुतिन को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने लिखा है कि रूसी जनता कभी इस युद्ध का समर्थन नहीं कर सकती, यह युद्ध किसी के लिए भी सही साबित नहीं होगा और इसके लिए सिर्फ पुतिन जिम्मेदार होंगे.
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