Sri Lanka में इमरजेंसी के खिलाफ उतरे नागरिक, हंगामे के बाद 600 से ज्यादा लोग गिरफ्तार

| Updated: Apr 03, 2022, 03:07 PM IST

श्रीलंका में सरकार के खिलाफ आम नागरिकों के साथ-साथ विपक्ष भी विरोध प्रदर्शन कर रहा है.

श्रीलंका में अब नागरिक उग्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. पुलिस ने पश्चिमी प्रांत में 664 से ज्यादा नागरिकों को गिरफ्तार किया है.

डीएनए हिंदी: श्रीलंका (Sri Lanka) में आपातकाल लागू होने के बाद से नागरिक आंदोलन तेज हो गए हैं. श्रीलंकाई पुलिस ने कर्फ्यू का उल्लंघन करने पर देश के पश्चिमी हिस्से में 664 लोगों को गिरफ्तार किया है. ये गिरफ्तारियां शनिवार रात 10 बजे से रविवार सुबह छह बजे के बीच चले अभियान के दौरान की गई हैं.

पुलिस के मुताबिक कर्फ्यू का उल्लंघन कर रहे लोगों को पकड़ने के लिए देशभर में अभियान चलाया जा रहा है. आम लोगों के साथ-साथ विपक्षी दल भी विरोध प्रदर्शन पर उतर आए हैं. श्रीलंका में मुख्य विपक्षी दल समागी जन बलवेगया (SJB) के सांसदों ने कर्फ्यू आदेशों को नकारते हुए रविवार को विरोध प्रदर्शन किया.

विपक्षी दल के सांसद, देश में अब तक के सबसे खराब आर्थिक संकट के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. सांसद सरकार के आपातकाल और अन्य पाबंदियां लगाने पर राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के कदम का विरोध कर रहे हैं.  

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श्रीलंका में इंटनेट भी बंद!

श्रीलंका में कुछ जगहों पर इंटरनेट बैन कर दिया गया था जिसकी वजह से लोग सोशल मीडिया साइट्स से दूर हो गए. सरकार ने अपने खिलाफ प्रदर्शनों को आयोजित करने में इनका इस्तेमाल किए जाने का आरोप लगाते हुए इन पाबंदी लगाने का निर्णय लिया है.

साइबर सुरक्षा और इंटरनेट शासन पर नजर रखने वाले निगरानी संगठन 'नेटब्लॉक्स' ने श्रीलंका में आधी रात के बाद रविवार को फेसबुक, ट्विटर, WhatsApp, वाइबर और यू्ट्यूब समेत कई सोशल मीडिया मंचों पर पाबंदी लगाए जाने की बात कही है.

विपक्षी सांसद भी कर रहे हैं विरोध प्रदर्शन

विपक्षी सांसदों ने कोलंबो के इंडीपेंडेंस स्क्वायर की ओर मार्च करते हुए नारे लगाए और तख्तियां दिखाई, जिन पर लिखा था, 'दमन बंद करो और गोटा घर जाओ.' पुलिस अधिकारियों ने स्क्वायर तक जाने वाले रास्तों पर बैरिकेडिंग की है. यह स्क्वायर 1948 में श्रीलंका की आजादी की याद में बनाया गया था.

क्यों लगा है श्रीलंका में आपातकाल?

राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने शुक्रवार देर रात देशव्यापी आपातकाल का ऐलान किया है. सरकार ने शनिवार शाम छह बजे से सोमवार सुबह छह बजे तक 36 घंटे का कर्फ्यू भी लगा दिया है. इस कदम का मकसद घंटों तक बिजली कटौती के बीच खाना, जरूरी चीजों, ईंधन और दवाओं की कमी से जूझ रहे लोगों के विरोध प्रदर्शन को रोकना है. गोटाबाया राजपक्षे अपनी सरकार के कदमों का बचाव करते हुए कहा है कि विदेशी मुद्रा का संकट उनके द्वारा नहीं पैदा किया गया है और आर्थिक मंदी काफी हद तक महामारी के कारण आई है.

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