डीएनए हिंदीः श्रीलंका (Sri Lanka) के हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. सरकार विरोधी प्रदर्शनों के चलते आपातकाल (Emergency) लगाया गया था. अब राष्ट्रपति गोटाभाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) ने इसे हटाने का ऐलान कर दिया है. श्रीलंका में चार अप्रैल को आपातकाल का ऐलान किया गया था. राष्ट्रपति ने अपने ही फैसले को वापस ले लिया है. हालांकि ऐसा क्यों किया गया इसकी स्थिति अभी साफ नहीं हो पाई है.
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लगातार बिगड़ रहे आर्थिक हालात
श्रीलंका में आर्थिक संकट (Economic Crisis) लगातार बढ़ता जा रहा है. महंगाई (Inflation) चरम पर पहुंच चुकी है. लोगों में लगातार गुस्सा बढ़ता जा रहा है. पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) लेने के लिए लंबी-लंबी कतारें लग रही हैं, केरोसीन के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है और कागज की किल्लत की वजह से बच्चों की परीक्षा रद्द करवा दी गई है.
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पूरी कैबिनेट ने दिया इस्तीफा
लोगों का लगातार गुस्सा बढ़ने के बाद श्रीलंका में प्रधानमंत्री को छोड़कर पूरी कैबिनेट ने इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफा देने वालों में पीएम के बेटे भी शामिल हैं. श्रीलंका में लंबे समय तक बिजली कटौती ने देश में संचार नेटवर्क को प्रभावित कर दिया है. भारी कर्ज और घटते विदेशी भंडार के कारण श्रीलंका आयात के लिए भुगतान करने में भी असमर्थ है.
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