डीएनए हिंदी: पाकिस्तानी मूल के कनाडा में रहने वाले लेखक और पत्रकार तारिक फतेह का निधन हो गया है. उनकी मौत की पुष्टि आज उनकी बेटी नताशा फतेह ने की है. नताशा ने ट्वीट में उन्हें क्रांतिकारी और हिंदुस्तान प्रेमी बताया है. तारिक फतेह हमेशा ही खुद को हिंदुस्तानी बताते थे. तारिक फतेह लंबे वक्त से बीमारी से जूझ रहे थे. हालांकि पिछले कई दिनों से उनके निधन की खबरे चल रही थीं.
तारिक फतेह जिस तरह भारत पाकिस्तान को लेकर अपनी मुखर राय रखते थे, उसी तरह इस्लाम से लेकर दकियानूसी रिवाजों की भी आलोचना करते थे. तारिक फतेह को अपने विवादित बयानों के लिए भी जाना जाता था तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि आखिर तारिक फतेह के सबसे विवादित बयान कौन से हैं.
मशहूर पाकिस्तानी लेखक तारिक फतेह का निधन, बेटी ने भावुक पोस्ट कर दी जानकारी
1- मोहम्मद अली जिन्ना पर विवादित टिप्पणी
तारिक फतेह ने अपने एक ट्वीट में पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना को लेकर विवादित बयान दिया था. तारिक फतेह ने ट्वीट किया था, "मोहम्मद अली जिन्ना (Mohammad Ali Jinnah) तो मर गया, लेकिन औलाद छोड़ गया मुंबई में." इस ट्वीट में वह किसी महिला के ट्वीट का जवाब दे रहे थे लेकिन उनका यह ट्वीट काफी विवादित साबित हुआ था जिसको लेकर बड़ा विवाद हुआ था.
2- हिंदुस्तानी मुस्लिमों की निष्ठा कतर के साथ, जो भारत के सामने कुछ नहीं
हिंदुस्तान पाकिस्तान विभाजन को लेकर तारिक फतेह सबसे ज्यादा मुखर रहते थे. उन्होंने कई बार कहा था कि जिन मुस्लिम कट्टरपंथियों की वजह से पाकिस्तान बना, वे तो यहीं रह गए. इस वजह से कट्टरता भी यहीं बनी हुई है. पैगंबर ने कभी नहीं कहा था कि भारत पर कब्जा कर लो. उन्होंने कहा था कि हिंदुस्तान से अच्छी हवाएं आती हैं. खुशबू आती है. दिक्कत ये है कि भारतीय मुसलमानों की निष्ठा कतर के साथ नजर आती है, जिसकी भारत के सामने कोई हैसियत नहीं है.
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3- इस्लामिक मुद्दों पर रखते थे मुखर राय
तारिक फतेह मुसलमानों से जुड़े मुद्दों जैसे एक से ज़्यादा शादियां, बाल विवाह और गैरमुस्लिमों को काफ़िर कहने के नियमों का विरोध करते रहे हैं. तारिक फतेह जैसे विरोध करते थे. वह कट्टरपंथी मुसलमानों को वो हज़म नहीं होता. तारिक फतेह भारत में तीन तलाक मुद्दे पर काफी मुखर भी थे जिसके चलते टीवी डिबेट्स में उनके मौजूद होने पर इस्लामिक स्कॉलर्स कई बार पैनल पर आने से मना कर देते थे.
4- ज्ञानवापी मस्जिद को बताया था मंदिर
तारिक फतेह ने वाराणासी की ज्ञानवापी मस्जिद को मंदिर बताया था. उनका कहना था कि औरंगजेब ने कितने मुसलमानों को मारा, क्या यह मुस्लिमों को नहीं पता है. कई मौलाना साहब लोग कहते हैं कि औरंगजेब हमारा वली है. ऐसा भला कैसे हो सकता है? अवैध कब्जा करके या चोरी की जमीन पर मस्जिद बनाना इस्लाम में उचित नहीं है. ज्ञानवापी मस्जिद नहीं है, बल्कि वह मंदिर था. इसलिए जो जिसका है वह उसे सौंप देना चाहिए.
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5- इस्लाम विरोधी आरोपों पर दिया था जवाब
तारिक फतेह पर हमेशा ही इस्लाम विरोधी होने के आरोप लगते थे जिसको लेकर उन्होंने कहा था कि, 'मैं अल्लाह के इस्लाम को मानता हूं, लेकिन मुल्ला के इस्लाम को नहीं मानता हूं. हिंदुस्तान में रहने वाले मुसलमानों को यहां की संस्कृति को अपनाना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. ये इस्लाम की आड़ में अपनी दुकान चला रहे हैं."
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