डीएनए हिंदी: तुर्की और दक्षिणी सीरिया में सोमवार को आए 7.8 की तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप में 2300 से अधिक लोगों की मौत हो गई. भूकंप से सैकड़ों इमारतों को नुकसान पहुंचा है. हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है, क्योंकि बचावकर्मी अब भी प्रभावित इलाकों में मलबे में फंसे लोगों की तलाश में जुटे हैं. सीमा के दोनों ओर भूंकप का झटका सोमवार तड़के महसूस हुए और लोगों को सर्दी और बारिश के बावजूद बाहर आना पड़ा. भूकंप से कई इमारतें ध्वस्त हो गई हैं और भूकंप उपरांत झटके अब भी महसूस किए जा रहे हैं. विभिन्न शहरों में बचावकर्मी और निवासी ध्वस्त हुई इमारतों से जिंदा लोगों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं
भूकंप में ध्वस्त हुए तुर्की के एक अस्पताल और सीरिया के गिने-चुने अस्पतालों से नवजातों सहित मरीजों को सुरक्षित बाहर निकालना पड़ा. तुर्की के शहर अदाना के एक निवासी ने बताया कि उसके आसपास की तीन इमारतें ध्वस्त हो गई हैं. पत्रकारिता के छात्र मुहम्मद फतीह यवुज ने बताया कि मलबे में जिंदा फंसे एक व्यक्ति ने बचावकर्मियों द्वारा निकाले जाने की कोशिश के दौरान कहा, ‘अब मुझमें कोई ताकत नहीं बची है.’तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने कहा कि भूकंप वाले क्षेत्र में कई इमारतों का मलबा को हटाने का काम जारी है, हम नहीं जानते कि मृतकों और घायलों की संख्या कितनी बढ़ेगी.’
1939 में हुई 33 हजार लोगों की मौत
तुर्की के उप राष्ट्रपति फुअत ओकतायस ने बताया कि 10 प्रभावित प्रांतों में 1700 इमारतें ढह गईं और कम से कम 3,320 लोग घायल हुए हैं. दक्षिण पूर्वी तुर्की और सीरिया में सोमवार तड़के 7.8 तीव्रता के भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है क्योंकि बचावकर्मी अब भी प्रभावित इलाकों में मलबे में फंसे लोगों की तलाश में जुटे हैं. तुर्की में 912 और सीरिया में 560 लोगों के मरने की पुष्टि हो चुकी है. तुर्की में इससे पहले इतना भीषण भूकंप 1939 में एरजिनकन प्रांत में आया था. जिसमें 33,000 लोगों की मौत हो गई थी. भारत ने भी तुर्की के लिए मदद भेजी है. भारत से NDRF की दो टीमें चिकित्सीय सामान लेकर रवाना हो गई हैं.
ये भी पढ़ें- तुर्की में आए भूकंप को लेकर PMO में बैठक, NDRF की दो टीमें रवाना, दवाओं के साथ भेजी जा रही राहत सामग्री
मदद की गुहार लगाते नजर आए लोग
भूकंप का मंजर इतना भयानक था कि आंशिक रूप से ढह गई इमारतों के अंदर फंसे लोग व सड़कों पर मौजूद लोग मदद की गुहार लगाते नजर आए. भूकंप के झटके काहिरा तक महसूस किए गए. इसका केंद्र सीरियाई सीमा से करीब 90 किलोमीटर दूर गजियांतेप शहर के उत्तर में था. तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने ट्वीट किया कि भूकंप प्रभावित क्षेत्रों के लिए तलाश एवं बचाव दलों को तुरंत रवाना कर दिया गया है.’ उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि जानमाल के कम से कम नुकसान के साथ हम इस आपदा से मिलकर बाहर निकलेंगे.’
ये भी पढ़ें- तुर्की-सीरिया में भूकंप ने मचाई तबाही, 195 से ज्यादा मौतें, त्रासदी का मंजर देख कांप उठेंगे आप
भारत ने राहत-बचाव के लिए भेजी टीमें
तुर्की और सीरिया में आए भूकंप के बाद पीएम मोदी ने इस आपदा में भारत की तरफ से दोनों देशों के लिए हर संम्भव मदद की घोषणा की है. भारत की तरफ से प्रशिक्षित डॉग स्क्वॉड और आवश्यक उपकरणों के साथ 100 कर्मियों वाली एनडीआरएफ की दो टीमें भेजी जा रही हैं. ये टीमें भूकंप इलाके में राहत बचाव कार्य में तुर्की के सैनिकों की मदद करेगी. इसके साथ ही आवश्यक दवाएं, प्रशिक्षित डॉक्टर और पैरामेडिक्स के साथ मेडिकल की टीमें भी रवाना की गई हैं. भारत की तरफ से तुर्की सरकार और अंकारा में भारतीय दूतावास में समन्वय से राहत सामग्री भेजी जाएगी.
तुर्की में 1999 में मारे गए थे 18,000 लोग
उत्तर पश्चिम सीरिया में विपक्ष के सीरियन सिविल डिफेंस ने विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्र में स्थिति को विनाशकारी बताते हुए कहा कि इमारतें ढहने से कई लोग मलबे में दब गए हैं. सीरियन सिविल डिफेंस ने लोगों से इमारतों से बाहर खुले स्थान पर रहने को कहा है. अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, भूकंप का केंद्र गजियांतेप से करीब 33 किलोमीटर दूर 18 किलोमीटर की गहराई पर था. प्रांतों में इसके झटके महसूस किए गए. भूकंप ऐसे समय में आया है, जब पश्चिम एशिया बर्फीले तूफान की चपेट में है जिसके गुरुवार तक जारी रहने के आसार हैं. उत्तर-पश्चिम तुर्की में 1999 में आए शक्तिशाली भूकंप में करीब 18,000 लोग मारे गए थे.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.