डीएनए हिंदी: तुर्की में बीते दिनों आए भूकंप (Turkey Earthquake) ने कई इलाकों में तबाही मचा दी है. भूकंप में ढही इमारतों के मलबे के नीचे शवों के निकलने का सिलसिला थम नहीं रहा है. अब तक 26,000 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. इस बीच एक भारतीय युवक का भी शव मिला है, जो भूकंप के बाद से लापता था. भारतीय दूतावास ने इसकी पुष्टि की है. दूतावास ने बताया कि शनिवार को एक होटल के मलबे के नीचे विजय कुमार की डेड बॉडी मिली है. विजय कुमार उत्तराखंड का रहने वाला था.
जानकारी के मुताबिक, भारतीय नागरिक विजय कुमार का शव तुर्की के मालट्या में एक होटल के मलबे के नीचे मिला है. विजय एक बिजनेस के सिलसिले में तुर्की गया था और वहां एक होटल में ठहरा हुआ था. भारतीय दूतावास ने विजय के परिवार और प्रियजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यस्त की है. दूतावास ने बताया कि उनके पार्थिव शरीर को जल्द ही भारत उनके परिवार तक पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है.
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कब्रिस्तान में दफनाने की भी जगह नहीं
तुर्की और सीरिया में आए भूकंप में मौत का आंकड़ा 26,000 के पार पहुंच गया है. रेस्क्यू में जुटे बाचवकर्मियों ने मरने वालों की संख्या और बढ़ने की आशंका जताई है. रेस्क्यू टीम का दावा है कि अभी भी सैकड़ों परिवार इमारतों के मलबे में दबे हुए हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, तुर्की में भूकंप में ढही हर 10 इमारत में से एक नयी बिल्डिंग थी. जिनका निर्माण 2007 के बाद हुआ था. इस तबाही के मंजर ने देश के इन्फ्रास्ट्रक्चर की पोल भी खोल कर दी है. तुर्की में 10 प्रांतों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. जहां 10,000 से अधिक इमारतें ढह गईं. इनमें सबसे से ज्यादा खौफनाक मंजर उस्मानिया में नजर आया. जहां मौतों की आंकड़ा इतना है कि सड़कों पर ताबूत नजर आ रहे हैं. यहां लोगों को अपने परिजनों को दफनाने के लिए कब्रिस्तान में जगह भी नहीं मिल रही है.
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भारत की तरफ चल रहा 'ऑपरेशन दोस्त'
भारत की तरफ से इंडियन आर्मी की मदद से तुर्की और सीरिया के लिए 'ऑपरेशन दोस्त' चलाया जा रहा है. इस ऑपरेशन में सेना के विमान तुर्की और सीरिया में राहत सामग्री और दवाएं पहुचा रहे हैं. इसके अलावा, भारत सरकार ने सर्च एंड रेस्क्यू टीमें भी भेजी हैं जो लोगों को बचाने और घायलों के इलाज में लगातार जुटी हुई हैं. भारत की एजेंसियों ने तुर्की में कैंप साइट अस्पताल भी बनाए हैं और मलबे से निकाले जा रहे लोगों का वहीं इलाज किया जा रहा है.
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