डीएनए हिंदी: अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के एक शख्स को तीन साल से ज्यादा की जेल की सजा सुनाई गई है. उस पर 800 अवैध भारतीय लोगों को ऊबर टैक्सी के जरिए अमेरिका में लाने के आरोप लगे हैं. ऐसे में शख्स को मानव तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 45 महीने की सख्त सजा सुनाई गई है. आरोप हैं कि वह कनाडा बॉर्डर से भारतीय नागरिकों को अवैध रूप से अमेरिका में दाखिल कराता था और इसके लिए लोगों से मोटी रकम वसूल करता था.
दरअसल, इस शख्स का नाम राजिंदर पाल सिंह बताया गया है जो कि भारतीय मूल का है. ये अमेरिका के कैलिफोर्निया में रहता था. राजिंदर पाल सिंह को अमेरिका के जिला कोर्ट ने मंगलवार को मनी तस्करी और मनी लॉन्ड्रींग मामले के लिए 45 महीने की जेल की सजा सुनाई है.
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भारतीयों से वसूलता था मोटी रकम
अमेरिकी न्याय विभाग ने अपने फैसले में कहा कि तस्करी गिरोह के प्रमुख सदस्य के तौर पर राजिंदर पाल सिंह ने कनाडा से सैकड़ों भारतीय नागरिकों को सीमा पार कराई थी. इस दौरान उसने नागरिकों से 5,00,000 अमेरिकी डॉलर से भी अधिक रकम के रकम फीस के तौर पर ली थी. कार्यवाहक अमेरिकी अटॉर्नी टेसा एम. गोर्मन ने बताया कि पिछले चार सालों में राजिंदर सिंह ने 800 से भी अधिक भारतीय नागरिकों को उत्तरी सीमा और वाशिंगटन के जरिए अमेरिका में तस्करी कराने में मदद की है.
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फैसले को लेकर कहा गया कि आरोपी की यह हरकत केवल वाशिंगटन की सुरक्षा के लिए खतरा ही नहीं बल्कि भारत से अमेरिका तक चलने वाली तस्करी में लाए गए लोगों की सुरक्षा के लिए भी खतरा था. आरोपी ने अमेरिका में बेहतर जीवन की उम्मीद रखने वाले लोगों की उम्मीदों को झटका दिया और उन लोगों पर 70,000 अमेरिकी डॉलर का भारी कर्ज भी लाद दिया गया जिसके चलते राजिंदर पाल सिंह के खिलाफ बड़ा फैसला सुनाया गया है.
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खुद भी अमेरिका में अवैध रूप से रहता था आरोपी
जानकारी के मुताबिक जुलाई 2018 से राजिंदर सिंह और उसके सहयोगियों ने कनाडा के सिएटल क्षेत्र में अवैध रूप से सीमा पार करने वाले लोगों के लिए उबर का इस्तेमाल किया. 2018 और 2022 तक आरोपी ने लोगों की तस्करी के लिए 600 यात्राएं की. जांच के दौरान आरोपी के आवास से 45,000 अमेरिकी डॉलर और कुछ नकली दस्तावेज बरामद किए गए. हैरानी की बात यह भी है कि राजिंदर पाल सिंह भी गैर कानूनी रूप से ही अमेरिका में रह रहा था.
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