Solidarity of Ukraine People: खून देने के लिए कतारों में लगे लोग, दान कर रहे जमापूंजी

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Feb 26, 2022, 04:06 PM IST

people in ukraine (photo credit- AP)

मुश्किल की इस घड़ी में लोग एक-दूसरे की दिल खोलकर मदद कर रहे हैं. पश्चिमी यूक्रेन में पूर्व से आ रहे लोगों को पनाह भी दी जा रही है.

डीएनए हिंदी: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध का आज तीसरा दिन है.बीते दो दिनों में रूस की आक्रामकता और यूक्रेन के हौसले से जुड़ी कई तस्वीरें और खबरें सामने आई हैं. एक तरफ जहां यूक्रेन के राष्ट्रपति ने देश में डटे रहकर लड़ने का फैसला किया है, वहीं यूक्रेन की जनता भी इस युद्ध भरे माहौल में देश छोड़ने की बजाय एकजुटता से लड़कर जीतने का जज्बा दिखा रही है. अलजजीरा की एक रिपोर्ट के अनुसार यूक्रेन के अलग-अलग क्षेत्रों से कई दिल भिगो देने वाली खबरें सामने आई हैं. इन खबरों को पढ़कर एकजुटता की मिसाल मिलती है और यह सीखा जा सकता है कि मुश्किलों में हिम्मत ना हारना कितना जरूरी होता है.

जंग के लिए अपनी जमापूंजी दान कर रहे हैं लोग
जंग के बीच देश को आर्थिक मदद देने के लिए देश के लोग ही आगे आ रहे हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक कीव की 'कम बैक अलाइव'जैसी कई एनजीओ को बीते दो दिनों में काफी डोनेशंस मिली हैं. यूक्रेनी सैनिकों के लिए जरूरी नाइट विजन डिवाइस, मोबाइल सर्विलेंस सिस्टम, एरियल व्हीकल और अन्य तरह की सहायता के लिए आर्थिक मदद पहुंचाई जा रही है. इस एनजीओ के फेसबुक पेज की मानें तो एक दिन में उन्हें 687, 500 डॉलर की राशि प्राप्त हुई है.

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नेशनल बैंक ने बनाया सैनिकों का अकाउंट
गुरुवार को जंग शुरू होने के बाद ही नेशनल बैंक ऑफ यूक्रेन ने भी सैनिकों की मदद के लिए एक अलग अकाउंट बनाया. यह मल्टी-करंसी अकाउंट है. इसकी डिटेल यूक्रेन और उसके समर्थक समुदायों में जारी कर दी गई है. 

सैनिकों को खून देने को तैयार आम जनता
यूक्रेन के सभी शहरों में लोग युद्ध में जख्मी हुए सैनिकों को अपना खून देने के लिए आगे आ रहे हैं. करामाटोर्क में मार्केटिंग मैनेजर रहे 42 वर्षीय मेक्सम कुडोस्को ने बताया कि कई लोग हैं जो हॉस्पिटल के बाहर कतार में खड़े हैं, वह घायल सैनिकों के लिए अपना खून डोनेट करना चाहते हैं. 

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रेलवे भी मुस्तैद
स्टेट रेलवे कंपनी में युद्ध के इस माहौल में अपने स्तर पर नागरिकों को मुश्किल जगहों से सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए मुस्तैदी से जुटी है. 80 प्रतिशत ट्रेन एमरजेंसी मोड में चल रही हैं. बेशक पैसेंजर ट्रेनों को रूट बदलकर और बॉम्ब शेल्टर्स के पास गति धीमी करके गुजरना पड़ रहा है, लेकिन यूक्रेन के पूर्वी हिस्से से निकालकर नागरिकों को पश्चिमी और मध्य यूक्रेन पहुंचाने का अभियान तेजी से चल रहा है. 

मदद के लिए खोल दिए घर के दरवाज़े
पूरा देश युद्ध के इस माहौल में एकजुट नजर आ रहा है. पश्चिमी यूक्रेन के लोगों ने देश के दूसरे हिस्सों से वहां आ रहे लोगों के लिए अपने घरों के दरवाजें खोल दिए हैं.

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