डीएनए हिंदी: यूक्रेन के सूमी में लगभग 600 भारतीय छात्रों ने भारत सरकार से उन्हें जल्द से जल्द बचाने का आग्रह किया है. छात्रों का कहना है कि वहां पानी और भोजन खत्म हो गया है और उनके पास खाने के लिए कुछ नहीं है और वे बहुत डरे हुए हैं.
एक वीडियो में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपनी जान बचाने की गुहार लगाई है. वीडियो जारी कर उन्होंने कहा, "पीएम मोदी, कृपया हमें मरने न दें. हमारी मदद करें. हमारी जान बचाएं. हम सूमी में हैं. रूसी सीमा पर बसें खड़ी हैं, जो बहुत दूर हैं. माइनस डिग्री तापमान में हम किसी भी परिवहन के बिना नहीं चल सकते हैं."
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छात्रों ने कहा कि इस क्षेत्र में रूसी बलों द्वारा बमबारी की जा रही है और कुछ बम उनके विश्वविद्यालय भवन के पास फट गए, जहां उन्होंने वर्तमान में शरण ली है.
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उन्होंने वीडियो में कहा, "हम यहां फंस गए हैं. हम भयभीत हैं. कल रात यहां हवाई हमला हुआ. अगर निकाला नहीं किया गया तो हम सभी मर जाएंगे." उन्होंने कहा कि स्थिति इतनी खराब हो गई है कि उन्हें पानी के लिए बर्फ को पिघलाना पड़ रहा है.
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भारत सरकार 2 दिन से रूट की बात कर रही है, लेकिन छात्र अब डरे और सहमे हुए हैं. छात्रों ने वीडियो में कहा, "हम शुरू से ही सूमी में फंसे हुए हैं. अब तक किसी को निकाला नहीं गया है. कल रात हवाई हमला हुआ था. फिर घंटों बिजली नहीं थी. अब हमारे पास पीने का पानी नहीं है. हमने कल रात से खाना नहीं खाया है. कोई कार्रवाई नहीं की गई है इसलिए हमें बचाएं. सीमाएं यहां से बहुत दूर हैं. अगर हम खारकीव जाते हैं, तो इसमें लगभग चार घंटे लगेंगे और इसलिए कीव जाएंगे. फिर पोलैंड और हंगरी की सीमा तक पहुंचने में 1 घंटे का और समय लगेगा."
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