डीएनए हिंदी: भारत का Mission Ganga जोरों पर है सरकार भारतीय छात्रों को देश लेकर आने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है लेकिन अड़चनें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. खबर है कि भारतीय अधिकारी सुमी के बॉर्डर पर बसों के साथ पहुंचे हुए हैं लेकिन यूक्रेन सरकार ने क्लियरेंस नहीं दिया है. यह जानकारी सुमी यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली जिया बलूनी ने डीएनए हिंदी के साथ शेयर की. जिया के मुताबिक यह मैसेज उन्हें उनकी यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर ने भेजा है. यह वही हैं जो इस मुसीबत के समय में छात्रों की देखभाल कर रहे हैं.
इस मैसेज में प्रोफेसर ने लिखा, अटेंशन स्टूडेंट्स, ताजा जानकारी के मुताबिक भारतीय अधिकारी सुमी-रूस बॉर्डर पर बसों के साथ पहुंच गए हैं लेकिन यूक्रेन की सरकार ने अभी तक इजाजत नहीं दी है और सफर करने के लिए क्लियरेंस नहीं दी है. अगर यूक्रेन की सरकार क्लियरेंस नहीं देती है और सफर के दौरान किसी छात्र को नुकसान पहुंचता है तो इसकी जिम्मेदारी कोई नहीं लेगा. ऐसे में हम बिना इजाजत सफर नहीं कर सकते. यह सुमी से निकलने का आखिरी मौका है मैं सभी छात्रों से अनुरोध करता हूं कि इस मैसेज को ज्यादा से ज्यादा शेयर किया जाए ताकि यह जानकारी उच्च अधिकारियों तक पहुंचे.
बता दें कि 2 मार्च को इंडियन एंबेसी ने भारतीय लोगों को खारकीव छोड़ने के निर्देश दिए थे. इसके बाद सभी खारकीव रेलवे स्टेशन पर पहुंच गए लेकिन वहां भी उन्हें ट्रेन में चढ़ने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ी. यहां कड़ाके की ठंड में मौजूद बच्चों ने वीडियो शेयर कर अपनी परेशानी सबके साथ शेयर की थी.
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