United Nations ने जताया बड़ा डर- भुखमरी की कगार पर खड़े हैं दुनिया के 34.5 करोड़ लोग

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Sep 16, 2022, 05:27 PM IST

भुखमरी का शिकार हो रहे हैं करोड़ों लोग

Food Crisis in World: बढ़ती महंगाई, महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से दुनियाभर के कई देश भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं.

डीएनए हिंदी: संयुक्त राष्ट्र के एक अनुमान के मुताबिक दुनिया के सामने भुखमरी (Starvation) की समस्या और बड़ी होने वाली है. संयुक्त राष्ट्र के फूड प्रोग्राम (United Nations Food Programme) के मुखिया का कहना है कि दुनियाभर के लगभग 34.5 करोड़ लोग भुखमरी और अकाल की ओर बढ़ रहे हैं. इसमें से 7 करोड़ लोग तो सिर्फ़ रूस और यूक्रेन के युद्ध की वजह से भुखमरी का शिकार होने वाले हैं. इसमें आग में घी का काम किया है साल 2020 में आई कोरोना महामारी ने. जानकारों का कहना है कि अगर इसे रोकने की दिशा में सही कदम, सही समय पर नहीं उठाए गए तो आने वाले समय में यह समस्या और भी गहरी हो सकती है.

संयुक्त राष्ट्र फूड कार्यक्रम के मुखिया डेविड बीसले का कहना है कि 45 देशों के 5 करोड़ से ज्यादा लोग भीषण कुपोषण के शिकार हैं और भुखमरी की कगार पर खड़े हैं. उन्होने आगे कहा, 'जो पहले भुखमरी की लहर भर भी अब वह सुनामी का रूप ले चुकी है.' डेविड ने इशारा किया कि कोरोना महामारी की वजह से प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था, जलवायु परिवर्तन, तेल की बढ़ती कीमतों और रूस-यूक्रेन के युद्ध जैसी चीजों ने भुखमरी की रफ्तार और बढ़ा दी है.

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रूस-यूक्रेन के युद्ध की वजह से 7 करोड़ लोग भुखमरी का शिकार
डेविड बीसले के मुताबिक, रूस और यूक्रेन का युद्ध शुरू होने के बाद से ही खाद्यान्न, तेल और खाद की कीमतों में तेजी से इजाफा होने की वजह से 7 करोड़ से ज्यादा लोग भुखमरी की ओर बढ़ गए हैं. जुलाई में यूक्रेन का खाद्यान्न सप्लाई करने के लिए किए गए समझौते के बावजूद अभी भी दुनिया के कई देशों में खाने-पीने की चीजों का संकट बना हुआ है और इसके और भी गंभीर होने की आशंका जताई जा रही है.

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नाइजीरिया, इथियोपिया, साउथ सूडान और यमन जैसे देशों में इस समय भी भुखमरी जैसे हालात हैं. ये देश खाद्यान्न की समस्या से जूझ रहे हैं. इसके अलावा, सोमालिया, अफगानिस्तान और पाकिस्तान जैसे देश भी इसी तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं. डेविड ने यह भी याद दिलाया कि अप्रैल 2020 में भी ऐसी ही स्थिति बनी थी लेकिन तमाम प्रयासों की वजह से इस स्थिति को टाला गया. अब एक बार फिर से वैसे ही हालात बन रहे हैं.

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