UNSC में Afghanistan संकट पर क्या बोला भारत? जानें

| Updated: Dec 23, 2021, 02:39 PM IST

Afghanistan Crisis (File Photo)

भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अपील का समर्थन किया है कि अफगानिस्तान के लिए मानवीय सहायता तक पहुंच प्रत्यक्ष और बिना किसी बाधा के होनी चाहिए.

डीएनए हिंदी: अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) के सत्ता में आते ही गंभीर मानवीय संकट पैदा हो गया है. तालिबानी शासन में लोग भूख और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सेवाओं के लिए तरस रहे हैं. ऐसे में भारत (India) ने अफगानिस्तान को मानवीय सहायता (Aumanitarian Assistance) के लिए प्रतिबंधों से छूट देने से संबंधित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया.

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति (TS Tirumurti) ने बुधवार को कहा कि भारत ने अफगानिस्तान को मानवीय सहायता के लिए प्रतिबंधों से छूट देने के प्रस्ताव का समर्थन किया है, जहां आधी आबादी खाद्या सुरक्षा संकट का सामना कर रही है.

संयुक्त राष्ट्र में टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, 'अफगानिस्तान में मानवीय स्थिति गंभीर है. ऐसी कई रिपोर्ट्स सामने आई हैं जो बताती हैं कि आधी से अधिक आबादी संकट या गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना कर रही है. स्थितियां आपातकालीन है इसके लिए तत्काल मानवीय मदद की जरूरत है. देश का अधिकांश हिस्सा गरीबी रेखा से नीचे रह रहा है.'

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अफगानिस्तान की मदद करे दुनिया

भारत ने कहा, 'बीते दो दशकों में हमने अफगानिस्तान के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. हमने अभी तक टीकों की हाफ मिलियन डोज और 1.6 मीट्रिक टन दवाइयां भेजी हैं. हम और दवाइयां और खाद्यान्न (Good Grains) भेजेंगे.' भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अपील का समर्थन किया है कि अफगानिस्तान के लिए मानवीय सहायता तक पहुंच प्रत्यक्ष और बिना किसी बाधा के होनी चाहिए.

भारत ने और क्या कहा?

टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि अफगानिस्तान के लिए मानवीय सहायता तटस्थता, निष्पक्षता और स्वतंत्रता के सिद्धांतों पर आधारित होनी चाहिए. साथ ही सहायता का वितरण जातीयता, धर्म या राजनीतिक विश्वास को दरकिनार कर गैर-भेदभावपूर्ण होना चाहिए. उन्होंने कहा कि विशेष रूप से, सहायता सबसे पहले सबसे कमजोर लोगों तक सहायता पहुंचनी चाहिए, जिनमें महिलाएं, बच्चे और अल्पसंख्यक शामिल. सुरक्षा परिषद को सहायता के वितरण पर भी समान रूप से अपनी निगरानी रखनी चाहिए और साथ ही धन के किसी भी संभावित दुरुपयोग से बचना चाहिए क्योंकि इसका प्रभाव प्रतिकूल हो सकता है.

(PTI इनपुट के साथ)

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