डीएनए हिंदी: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) की धमकी की बावजूद फिनलैंड (Finland) और स्वीडन (Sweden) का नाटों में शामिल होने का रास्ता लगभग पूरा हो गया है. अमेरिकी सीनेट में सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों ने फिनलैंड और स्वीडन को उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) में शामिल करने का समर्थन किया है.
अमेरिकी सीनेट ने एक के मुकाबले 95 मतों से दोनों पश्चिमी यूरोपीय देशों के नाटो में शामिल होने का समर्थन किया. सीनेट में बहुमत के नेता चक शूमर ने फिनलैंड और स्वीडन के राजनयिकों को मतदान देखने के लिए चैम्बर दीर्घा में आमंत्रित किया.
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NATO के 16 देशों का चाहिए समर्थन
राष्ट्रपति जो बाइडन ने इन दोनों देशों को जल्द ही नाटो में शामिल करने का आह्वान किया. हालांकि, NATO में शामिल होने के लिए अभी इन देशों को अन्य सदस्य देशों की अनुमति की आवश्यकता होगी. उन्हें 16 देशों को समर्थन चाहिए, फिलहाल नाटो के सदस्य देशों की संख्या 30 है. पिछले तीन महीने में नाटो के आधे से ज्यादा सदस्यों ने दो समृद्ध उत्तरी यूरोपीय देशों की उम्मीदवारी का समर्थन किया है. दोनों देशों ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बीच मई में नाटो की सदस्यता के लिए आवेदन दिया था.
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पुतिन ने दी थी फिनलैंड-स्वीडन को धमकी
बता दें कि रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच मई के महीने में बाइडन ने फिनलैंड और स्वीडन को NATO में शामिल होने का न्योता भेजा था. जिस पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भड़क गए थे. पुतिन ने कहा कि हमें यूक्रेन जैसी समस्या फिनलैंड और स्वीडन से नहीं है. अगर दोनों देश नाटों में शामिल होना चाहते हैं तो उनका स्वागत है. लेकिन अगर दोनों देश NATO में शामिल हो गए तो हमारे रिश्ते में तनाव आयेगा. उन्होंने कहा कि अगर फिनलैंड और स्वीडन ने रूस की सीमा के पास हथियार तैनात किए तो उसका करारा जवाब दिया जाएगा.
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