QUAD क्या है, इस संगठन की ताकत से इतना क्यों चिढ़ता है चीन? 

नीलेश मिश्र | Updated:May 24, 2022, 04:55 PM IST

जापान के टोक्यो में हो रहा है QUAD सम्मेलन 2022

QUAD Summit 2022: पीएम नरेंद्र मोदी अपने दो दिन के दौरे पर जापान पहुंचे हैं. इस दौरान वह क्वाड सम्मेनल (QUAD Summit) में हिस्सा लेंगे.

डीएनए हिंदी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चार देशों के सुरक्षा संगठन QUAD की बैठक में हिस्सा लेने के लिए जापान पहुंचे हैं. यहां वह अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात करेंगे. इस संगठन से चीन को हमेशा से बड़ी समस्या रही है. आइए समझते हैं कि यह संगठन क्या है और चीन को इससे क्या समस्या है...

जैसा कि नाम QUAD नाम से ही पता चलता है कि यह चार देशों का एक संगठन है. इसमें भारत के अलावा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं. इसका पूरा नाम क्वाडिलैटरल सिक्योरिटी डायलॉग है. संक्षिप्त में इसे क्वॉड कहा जाता है. ये चारों देश इस मंच पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक-दूसरे की सुरक्षा के मुद्दों के साथ-साथ अन्य समसामयिक मुद्दों पर चर्चा करते हैं.

यह भी पढ़ें- PM Narendra Modi भी हो गए फैन, जापानी लड़के ने इस अंदाज में बोली हिंदी, देखें वीडियो

क्या है QUAD का मकसद?
चार देशों का यह रणनीतिक गठबंधन साल 2007 में तैयार हुआ. इसका मुख्य उद्देश्य हिंद महासागर से लेकर प्रशांत महासागर के बीच पड़ने वाले इलाके में चीन के बढ़ते दबदबे को नियंत्रित करना और बाकी देशों को भी चीन के प्रभुत्व से बचाना है. यही कारण है कि दुनिया के चार कोनों पर स्थित चार देश इसका हिस्सा हैं.

पिछले दो दशकों में चीन ने लगातार कोशिश की है कि एशियाई महाद्वीप में और खासकर समुद्री क्षेत्र में वह अपना दबदबा कायम कर सके. इसी क्रम में उसने पूरे साउथ चाइना सी पर दो दावा ठोंका ही है, कई इलाकों में विवादित क्षेत्रों पर कब्जा भी कर लिया है. यही वजह है कि चीन को नियंत्रित करने के लिए जापान और अमेरिका ने भारत और ऑस्ट्रेलिया को इस गठबंधन में शामिल किया.

यह भी पढ़ें- LAC पर भेजा गया भारी सैन्य जमावड़ा, चीन से निपटने के लिए सेना ने बनाया यह प्लान

हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर है मुख्य फोकस
QUAD संगठन का मकसद है कि महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग किसी भी तरह के राजनीतिक और सैन्य दबाव से मुक्त रहें. इसके अलावा, हिंद-प्रशांत क्षेत्र को स्वतंत्र और खुला रखने के साथ-साथ साइबर सुरक्षा, समुद्री सुरक्षा, आपदा राहत, जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर भी यह संगठन काम करता है.

कहा जाता है कि QUAD रणनीतिक तौर पर चीन के आर्थिक और सैन्य क्षेत्र में उभार को काउंटर करता है. यही वजह है कि यह गठबंधन भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. चीन का भारत के साथ लंबे समय से सीमा विवाद रहा है, ऐसे में अगर सीमा पर उसकी आक्रामकता ज्यादा बढ़ती है, तो उसे रोकने के लिए भारत QUAD के अन्य देशों की मदद ले सकता है.

यह भी पढ़ें- WHO ने किया अलर्ट, Covid-19 की मौजूदगी को न करें नजरअंदाज

चीन को QUAD से क्या दिक्कत है?
चार शक्तिशाली देशों के इस संगठन से चीन को हमेशा से समस्या रही है. क्योंकि ये चारों देश सैन्य क्षेत्र में काफी मजबूत हैं. नेवी के मामले में भी चीन इन चारों देशों से हर तरफ से घिर जाता है. यही वजह है कि चीन को कभी भी ये संगठन फूटी आंख नहीं सुहाते हैं.

चीनी कई बार आरोप भी लगाता है कि QUAD उसके हितों को नुकसान पहुंचाने के लिए काम करता है. कई मौकों पर चीन, क्वाड को एशियाई NATO तक कह चुका है। विशेषज्ञों के मुताबिक, चीन की सबसे बड़ी चिंता QUAD में भारत के जुड़े होने से है. चीन को डर है कि अगर भारत अन्य महाशक्तियों के साथ गठबंधन बनाता है तो वह भविष्य में उसके लिए बड़ी समस्या खड़ी कर सकता है.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

QUAD quad summit quad summit 2022 india china standoff QUAD countries