डीएनए हिंदी: WHO के महानिदेशक डॉ. ट्रेडोस एडनॉम घेबियस ने गुरुवार को कहा कि ओमिक्रॉन (Omicron Variant) डेल्टा की तुलना में कम गंभीर प्रतीत होता है और विशेष रूप से टीकाकरण वाले लोगों में यह कम गंभीर है. मगर इसका मतलब यह नहीं है कि इसे पिछले वेरिएंट की तरह ही माइल्ड (हल्का) के तौर पर मान लेना चाहिए.
उन्होंने चेताते हुए कहा कि ओमिक्रॉन की वजह से लोग अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं और यह उनकी जान भी ले रहा है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि वास्तव में, मामलों की सुनामी इतनी बड़ी और तेज है, कि यह दुनिया भर में स्वास्थ्य प्रणालियों पर भारी पड़ रही है.
स्वास्थ्य निकाय के महानिदेशक ने आगे कहा कि पहली पीढ़ी के टीके सभी संक्रमणों और संचरण को रोक नहीं सकते हैं, लेकिन वे अस्पताल में भर्ती होने और इस वायरस से होने वाली मृत्यु को कम करने में अत्यधिक प्रभावी रहते हैं.
उन्होंने कहा कि टीकाकरण के साथ-साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य सामाजिक उपाय, जिसमें अच्छी तरह से फिटिंग वाले मास्क पहनना, दूरी बनाना, भीड़ से बचना और वेंटिलेशन में सुधार करना आदि शामिल है, वायरस को सीमित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं.
पिछले सप्ताह नए वैश्विक मामलों में 71 फीसदी की वृद्धि हुई
WHO ने गुरुवार को कहा कि 27 दिसंबर से दो जनवरी के दौरान इससे पिछले सप्ताह के मुकाबले कोरोना वायरस संक्रमण के नए वैश्विक मामलों में 71 फीसदी की वृद्धि देखी गई जबकि इसी अवधि में मौत के मामलों में 10 फीसदी की गिरावट रही. कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमिक्रॉन को नए मामलों में वृद्धि के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है.
WHO प्रमुख ने चेताया है कि Omicron के कारण आई ''मामलों की सुनामी'' ने दुनियाभर में स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली पर बोझ अत्याधिक बढ़ा दिया है. WHO द्वारा जारी कोविड-19 के साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल अक्टूबर से संक्रमण के मामलों में क्रमिक वृद्धि के बाद वैश्विक स्तर पर 27 दिसंबर से दो जनवरी के सप्ताह के दौरान इससे पिछले सप्ताह की तुलना में संक्रमण के नS मामलों में 71 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की गई. (इनुपुट- IANS / PTI)