Bangladesh Unrest: कौन हैं बेगम खालिदा जिया, जिसकी रिहाई के आदेश आते ही भारत के माथे पर पड़ गई शिकन

| Updated: Aug 06, 2024, 02:28 PM IST

Who is Begum Khaleda Zia: बेगम खालिदा जिया बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री हैं, जिन्हें पाकिस्तान और चीन का करीबी माना जाता है. भ्रष्टाचार के मामले में 2018 से जेल में बंद जिया के बांग्लादेशी सेना के साथ अच्छे संबंध माने जाते हैं. 

Who is Begum Khaleda Zia: बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शनों के बीच सेना ने प्रधानमंत्री शेख हसीना का तख्तापलट कर दिया है. बांग्लादेशी सेना ने हालांकि सत्ता खुद संभालने के बजाय लोकतांत्रिक अंतरिम सरकार को सौंपने का वादा किया है. इस बीच सेना ने विपक्षी नेताओं की सहमति से एक ऐसा कदम उठाया है, जिससे भारत के माथे पर शिकन आ गई है. दरअसल सेना और विपक्षी नेताओं के साथ सोमवार को हुई बैठक में बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया को जेल से रिहा करने का आदेश दिया है. मंगलवार को खालिदा जिया को रिहा कर दिया गया है. शेख हसीना का कट्टर विरोधी मानी जाने वाली खालिदा जिया पूर्व प्रधानमंत्री होने के साथ ही प्रमुख विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की अध्यक्ष भी हैं. पाकिस्तान और चीन के साथ करीबी संबंध रखने वाली खालिदा जिया के रिश्ते भारत के साथ बहुत अच्छे नहीं रहे हैं. इसके चलते उनकी रिहाई को भारत के लिए परेशानी पैदा करने वाला संकेत माना जा रहा है.

6 साल से जेल में बंद थी जिया

बांग्लादेश की पू्र्व प्रधानमंत्री जिया पिछले 6 साल से जेल में बंद थीं. उन्हें साल 2018 में भ्रष्टाचार समेत कई मामलों में दोषी ठहराते हुए अदालत ने 17 साल की सजा सुनाई थी. इसके बाद से ही वे जेल में बंद चल रही थीं. खालिदा जिया के पति जियाउर रहमान भी बांग्लादेश के राष्ट्रपति रहे हैं. साल 1975 में हुए सैन्य विद्रोह में बांग्लादेश के राष्ट्रपिता मुजीबुररहमान की हत्या हुई थी. इस तख्तापलट के बाद साल 1977 में जियाउर रहमान को ही बांग्लादेशी सेना ने सत्ता सौंपी थी. इस कारण सेना के साथ जिया के परिवार के रिश्ते बेहद करीबी माने जाते रहे हैं. जियाउर रहमान ने 1978 में BNP की स्थापना की थी. साल 1981 में जियाउर रहमान की हत्या हो गई थी, जिसके बाद खालिदा जिया ने ही पार्टी की कमान संभाल ली थी.

1991 में रचा था जिया ने इतिहास

खालिदा जिया का जन्म बंगाल के जलपाईगुड़ी में भारत के विभाजन से पहले 15 अगस्त, 1945 को हुआ था. जिया ने 1991 में तब इतिहास रच दिया था, जब उनकी पार्टी ने सरकार बनाई थी. इस सरकार में जिया खुद प्रधानमंत्री बनी थीं और बांग्लादेश की पहली, जबकि पाकिस्तानी की पीएम बेनजीर भुट्टो के बाद इस पद तक पहुंचने वाली वे दूसरी मुस्लिम महिला बनी थीं.

साल 2001 में फिर आई सत्ता में

खालिदा जिया की पार्टी साल 2001 में फिर से सत्ता में आई थी, जहां 2006 में उनकी सरकार का कार्यकाल समाप्त होने पर बांग्लादेशी सेना ने राजनीतिक हिंसा के नाम पर चुनाव स्थगित करते हुए सत्ता अपने कंट्रोल में ले ली थी. फिर सेना ने अंतरिम सरकार को सत्ता सौंपी थी, जिसने जिया और उनके दो बेटों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. इन्हीं आरोपों में साल 2018 में उन्हें जेल जाना पड़ा था.

स्वास्थ्य आ सकता है फिर प्रधानमंत्री बनने की राह में बाधा

खालिदा जिया को जेल से रिहा किए जाने के बाद कई चर्चाएं शुरू हो गई हैं. माना जा रहा है कि विपक्षी दलों की साझा अंतरिम सरकार में जिया को प्रधानमंत्री बनाया जा सकता है. इसका एक कारण उनके पास इस पद का अनुभव होना है तो दूसरा कारण उनके नाम पर विपक्षी नेताओं के बीच सहमति बनने की संभावना भी है. हालांकि स्वास्थ्य इसके आड़े आ सकता है, क्योंकि कई स्वास्थ्य समस्याओं से जिया इतनी बुरी तरह जूझ रही हैं कि उन्हें इलाज के लिए कई बार विदेश जाना पड़ा है.

भारत के साथ रहे हैं हमेशा तनावपूर्ण रिश्ते

बांग्लादेश की सत्ता में यदि खालिदा जिया वापस लौटती हैं तो ये भारत के लिए चिंता बढ़ाने वाली बात होगी, क्योंकि जिया के पुराने शासनकाल में हमेशा ही भारत-बांग्लादेश के रिश्ते तनावपूर्ण रहे हैं. खालिदा जिया पाकिस्तान की करीबी हैं और उनकी पार्टी BNP में भी कट्टरंथी नताओं की भरमार है. BNP के संबंध जमात-ए-इस्लामी और इस्लामवादी के साथ भी अच्छे हैं, जो कट्टरपंथी हैं और भारत विरोधी माने जाते हैं. इससे भारत की परेशानी अंतरिम सरकार में बढ़ना तय ही है.

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