दुनिया भर में 55% बढ़े COVID-19 केसेस, WHO ने बताया 1 हफ्ते में गई कितने लोगों की जान

| Updated: Jan 13, 2022, 06:21 PM IST

कोरोना केसेस

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण पूर्व एशिया में COVID-19 के मामले बढ़ते दिखाई दिए हैं.

डीएनए हिंदी: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बढ़ते कोरोना (COVID-19) केसेस के बीच रिपोर्ट जारी कर बताया है कि ग्लोबल तौर पर 1 हफ्ते में ही कोरोना के मामले 55 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं. WHO के मुताबिक फिलहाल कोरोनावायरस की सबसे तेज रफ्तार इस समय दक्षिण पूर्व एशिया में ही है. वहीं, 3 जनवरी से 9 जनवरी के बीच के हफ्ते के आंकलन के हिसाब से WHO ने पाया कि दक्षिण पूर्व एशिया में कोरोना के मामले 418% बढ़े जबकि पश्चिमी देशों में 122% अमेरिका में 78% और यूरोप में 31% की दर से पिछले हफ्ते कोरोनावायरस बड़ा है.

बढ़ रहे केसे के बीच राहत की खबर

WHO की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक अगर इस सप्ताह होने वाली मौतों की बात करें तो अफ़्रीका में 84% मौतें हुई जबकि अमेरिका में 26% मौतें हुई हैं. राहत की बात यह है कि दक्षिण पूर्व एशिया में मौतों का आंकड़ा घटा है. इसके साथ ही इस सप्ताह 6% लोगों की मौत हुई इसी तरह यूरोप में भी मौतों का आंकड़ा घटा है और 10% मौतें हुई. हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह भी साफ किया कि अभी भी COVID की सबसे तेज रफ्तार अमेरिका और यूरोप में ही है यूरोप में प्रति एक लाख की जनसंख्या पर 766 नए केस दर्ज किए गए जबकि अमेरिका में प्रति एक लाख पर 598 नए मामले पिछले हफ्ते दर्ज किए गए हैं.
 
इन लोगों में तेजी से फैल रहा ओमिक्रॉन

दुनिया भर में दर्ज किए गए कुल मामलों में 58% मामले ओमीक्रॉन वैरीअंट के थे 41% मामले डेल्टा वेरिएंट के रहे जबकि 12% मामले अल्फा के 2% गामा के और 1% से भी कम मामले बीटा वेरिएंट के रहे. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक वैक्सीनेटेड लोग और पहले कभी जिन्हें कोरोना हो चुका है उन लोगों में भी ओमीक्रॉन तेजी से फैल रहा है. हालांकि, बिना वैक्सीन वाले लोगों को ओमीक्रॉन वेरीअंट से ज्यादा खतरा है।

ओमीक्रॉन, डेल्टा और बेटा में सबसे खरतनाक कौन?

साउथ अफ्रीका में की गई एक स्टडी के हवाले से WHO ने भरोसा दिलाया है कि ओमीक्रॉन की गंभीरता बाकी वेरीअंट के मुकाबले काफी कम है. स्टडी में देखा गया कि ओमीक्रॉन के शिकार 5% लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ रही है जबकि बीटा के शिकार 19% लोग और डेल्टा वेरिएंट के शिकार 14% लोगों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था. इसी तरह बीमारी की गंभीरता की बात करें तो ओमीक्रॉन के 28% मरीज गंभीर स्थिति में पहुंच रहे हैं जबकि beta वेरिएंट के फैलाव के वक्त 60% मरीज और डेल्टा के शिकार सबसे ज्यादा 67% मरीज गंभीर हालात में पहुंचे थे. इसका मतलब डेल्टा के मुकाबले ओमीक्रॉन के शिकार मरीज 73% ज्यादा सुरक्षित है.

साउथ अफ्रीका में ही 15 लोगों पर की गई एक स्टडी में यह भी पाया कि ओमीक्रॉन का शिकार होने के बाद मरीज की डेल्टा वेरिएंट से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ जाती है.