Somniphobia के चलते महिला को 4 सालों से नहीं आई नींद, इलाज में खर्च हुई जिंदगी भर की जमा पूंजी

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jan 06, 2022, 02:10 PM IST

मालगोरजाटा बताती हैं कि इस बीमारी की वजह से उनकी आंखें जलने लगती हैं और सूख जाती हैं. उनकी शॉर्ट टर्म मेमोरी पूरी तरह खत्म हो चुकी है.

डीएनए हिंदी: पोलैंड में रहने वाली 39 साल की महिला एक दुर्लभ बीमारी से पीड़ित हैं. इस बीमारी के कारण महिला को 4 सालों से नींद नहीं आई है और अब उनकी जिंदगी नर्क जैसी बन गई है.

The Sun की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 39 वर्षीय मालगोरजाटा स्लिविंस्का (Malgorzata Sliwinska) को कई कई रातों तक एक भी पल के लिए नींद नहीं आती है. इससे उनकी आंखें थकी हुई रहती हैं और वह तेज सिरदर्द का शिकार हो जाती हैं. उनके शरीर में यह बीमारी अचानक पैदा हुई और धीरे-धीरे उनकी जिंदगी को बर्बाद करने लगी. इस बीमारी ने महिला की सेहत के साथ-साथ पारिवारिक जिंदगी पर भी बेहद खराब असर डाला है.

मालगोरजाटा बताती हैं कि इस बीमारी की वजह से उनकी आंखें जलने लगती हैं और सूख जाती हैं. उनकी शॉर्ट टर्म मेमोरी पूरी तरह खत्म हो चुकी है और वे बेवजह ही रोने लगती हैं. 

बीमारी की वजह से मालगोरजाटा को अपनी नौकरी से भी हाथ धोना पड़ा. उन्होंने इसका इलाज करवाना चाहा लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. उल्टा इलाज में उनकी सारी जमा-पूंजी खर्च हो गई. उनके परिवार में पति और एक बेटा है. महिला का इन दोनों के साथ भी रिश्ते खराब होने लगे हैं. 

मालगोरजाटा के अनुसार, साल 2017 में जब वे स्पेन से छुट्टियां बिताकर वापस आए, तभी से यह बीमारी उनके जीवन का हिस्सा बन गई. मालगोरजाटा ने सोने के लिए कई तरीके अपनाएं. उन्होंने नींद की गोलियों का सहारा भी लिया. इससे कुछ घंटे सो पाती थी लेकिन ऐसा करने से देखते ही देखते उनकी सेहत गिरने लगी. 

इन सबके बाद उन्होंने मनोचिकित्सा का सहारा लिया. नींद की गोलियां खाने से महिला को नशे की लत लग गई थी और जैसे ही उनकी दवाइयां बंद हुईं, वह 3 हफ्ते तक सो नहीं पाईं. आखिरकार एक डॉक्टर ने उन्हें बताया कि उन्हें सोमनिफोबिया है. अब उनकी दवाइयों से मालगोरजाटा हफ्ते में 2-3 रातें सो पाती हैं. इसके साथ ही वह व्यायाम का सहारा भी ले रही हैं.

क्या है सोमनिफोबिया 

सोमनिफोबिया को Hypnophobia या clinophobia भी कहा जाता है. इस बीमारी से पीड़ित एक व्यक्ति बिना वजह के भयभीत महसूस करता है. मिसाल के तौर उसे यह लग सकता है कि सोते समय उसकी मौत हो जाएगी. इस बीमारी का मुख्य कारण अत्यधिक चिंता करना माना गया है. सोमनिफोबिया आमतौर पर किसी भी उम्र को व्यक्ति में देखने को मिल सकती है. घबराहट और अनिंद्रा की यह स्थिति बेहद हानिकारक होती है.

सोमनिफोबिया महिला को 4 सालों से नहीं आई नींद पोलैंड