डीएनए हिंदी : ख़बर आ रही है कि पचास-साठ के वयस की एक महिला HIV से मुक्त हुई हैं. महिला के शरीर में वायरस चार साल रहा. महिला का इलाज़ एक नवजात के गर्भनाल से लिए गए स्टेम सेल के ज़रिए हुआ. यह पहली बार है जब ट्रांसफॉर्मेशन अधिक उम्र की किसी महिला में सफल हुआ है.
पहली बार 2009 में ल्यूकेमिया से पीड़ित एक व्यक्ति को संभावित HIV संक्रमण से मुक्त किया गया था. फिर लगभग एक दशक बाद स्पेन के एक लिंफोमा पेशेंट को भी HIV मुक्त किया गया था.
क्या सभी पेशेंट का इलाज ऐसे सम्भव है ?
हाल में जिस महिला को HIV मुक्त किया गया है उनका इलाज़ न्यू यॉर्क के Weill Cornell Medicine में हुआ था. महिला का ट्रांसप्लांट कैंसर के इलाज़ के तौर पर किया गया था. यह ख़बर चिकित्सा जगत में विशेष हर्ष लेकर आई है. यह प्रमाण है कि HIV का भी इलाज़ संभव है पर इसके साथ कुछ किन्तु-परन्तु भी जुड़े हुए हैं.
अब तक HIV से मुक्त हुए तीनों पेशेंट कैंसर ग्रसित भी थे. उनके लिए HIV कभी भी इलाज़ का प्रारंभिक कारण नहीं था. अतः यह समझा जा रहा है कि इस तकनीक को हर किसी HIV संक्रमित व्यक्ति पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. आम तौर पर HIV संक्रमित व्यक्तियों को एंटी-रेट्रोवाइरल थेरेपी दी जाती है कि ताकि उनकी ज़िंदगी लम्बी हो. अभी तक सबसे अधिक उम्मीद किसी वैक्सीन या ऐसे किसी दवाई की खोज की है जो इस वायरस को शरीर से पूरी तरह निकाल फेंके.
इससे आगे के रिसर्च में मदद मिलेगी
इंटरनेशनल एड्स सोसाइटी की प्रेजिडेंट इलेक्ट Sharon Lewin कहती हैं कि ट्रांसप्लांट तकनीक बहुत लोगों के लिए उपयोगी नहीं होगा. हाँ यह ज़रूर है कि इससे इस बात की पुष्टि मिलती है कि HIV का इलाज़ संभव है. यह भविष्य में HIV इलाज की खोज के लिए रास्ता भी मुहैया करवाता है. एड्स को लेकर इस वक़्त कई खोज हो रहे हैं. इस सबसे ताज़े केस को लेकर वृहत चिकिस्तकीय शोध अभी प्रकाशित नहीं किया गया है अतः चिकित्सा जगत उहापोह की हालत में