Russia-Ukraine War: रूस से युद्ध में अकेला पड़ा यूक्रेन, NATO और US पर भड़के यूक्रेनी राष्ट्रपति

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Feb 25, 2022, 08:35 AM IST

Russia-Ukraine War के बीच शुरू हुए युद्ध के पहले ही दिन अमेरिका ने साफ कर दिया है कि वो इस युद्ध में अपनी सेना नहीं भेजेगा.

डीएनए हिंदी: रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के पहले ही दिन रूसी हमले के बाद यूक्रेन बैकफुट पर दिख रहा है. वहीं यूक्रेन को सबसे बड़ा झटका अमेरिका और नाटो से मिला है क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने स्पष्ट तौर पर हाथ खड़े करते हुए कहा है कि अमेरिका इस युद्ध मेें अपनी सेना को तैनात नहीं करेगा. अमेरिका के इस रुख के बाद यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) अमेरिका (US) और नाटो (NATO) पर हमला बोला है और इन्हें डरपोक करार दिया है. 

अमेरिका ने लगाई प्रतिबंधों की झड़ी

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिका लगातार हमले करने की स्थिति को लेकर रूस को प्रतिबंधों की चेतावनी दे रहा था और रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के पहले दिन अमेरिका ने यही किया. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है. इसके साथ ही उन्होंने रूस के दूसरे दर्जे के राजनयिक को भी वापस जाने का आदेश दिया है. अमेरिका ने रूस के 4 मुख्य बैंकों पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं. 

अमेरिका नहीं भेजेगा सेना

भले ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन रूस पर प्रतबिधों का ऐलान किया हो लेकिन उन्होंने अमेरिकी सेना को यूक्रेन की मदद के लिए भेजने से स्पष्ट इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा है कि अमेरिका रूस के साइबर हमले का जवाब देने में सक्षम है और रूस के खिलाफ पूरी दुनिया एकजुट है. बाइडेन ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को हमलावर नेता बताया है. 

यूक्रेनी राष्ट्रपति ने बोला हमला

मदद के भरोसे के बावजूद अमेरिका के राष्ट्रपति के बयानों से यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की आक्रोशित हैं. उन्होंने अमेरिका समेत नाटो पर हमला बोलते हुए कहा है कि इन देशों के नेताओं ने डर के मारे नाटो में यूक्रेन को शामिल नहीं किया. वो डरते होंगे लेकिन हम नहीं डरेंगे. वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा, "मैंने 27 यूरोपीय नेताओं से पूछा कि क्या यूक्रेन को नाटो में होना चाहिए. वे सब डरे हुए हैं, लेकिन हम डरते नहीं हैं. हम रूस से बात करने से नहीं डरते. हम अपने राज्य के लिए सुरक्षा गारंटी के बारे में बात करने से नहीं डरते. हम तटस्थ स्थिति के बारे में बात करने से नहीं डरते हैं."

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गौरतलब है कि बाइडेन ने स्पष्ट कर दिया  है कि वो केवल नाटो देशों की मदद के लिए ही सुरक्षाबल भेजेंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति की यह बात ही यूक्रेनी राष्ट्रपति को आक्रोशित कर रही है. उनका कहना है कि नाटो ने रूस के डर से ही कभी यूक्रेन को नाटो समूह में शामिल नहीं किया. 

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