Recession in USA : क्या अमेरिका में फिर जाएंगी नौकरियां? क्यों डर रहे हैं देश के लोग ?

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: May 17, 2022, 12:31 PM IST

Recession in USA : देश के 80% से अधिक वयस्कों का मानना है कि इस साल अमेरिका में रिसेशन लौट सकता है

 डीएनए हिंदी : दो साल के  कोरोनावायरस पैंडेमिक, रिसेशन और उबरने के बाद अमेरिका को फिर से रिसेशन(Recession in USA) का डर सता रहा है. देश के 80% से अधिक वयस्कों का मानना है कि इस साल अमेरिका में रिसेशन लौट सकता है.मोमेंटिव कंपनी के द्वारा मार्च के आख़िरी हफ्ते में करवाए गए इस सर्वे में 4000 से अधिक लोगों ने अपनी राय दर्ज की थी. 
इस सर्वे में निकलकर आया कि कुछ लोग रिसेशन की आशंका अन्य लोगों से अधिक लगा रहे हैं. 

कौन Americans सबसे अधिक चिंता में हैं 
इस सर्वे के अनुसार रिपब्लिक पार्टी के 91% समर्थक इस आशंका में हैं कि आगे रिसेशन आने वाला है वहीं वे लोग जो फाइनैन्शियल क्राइसिस में हैं, उनमें 88 फीसद को इस बात की शंका है कि देश में आर्थिक मंदी या रिसेशन वापस लौट आएगी.  
गौरतलब है कि आख़िरी बार में अमेरिका में आर्थिक मंदी(Recession in USA) 2020 में आई थी. यह कोविड जनित मंदी थी. इसकी वजह से देश भर में कई जगह  ऑफ़िस बंद हुए, लोगों को नौकरियों से निकाला गया. हालांकि उसके बाद से अमेरिका में ग़ज़ब का आर्थिक सुधार आया है. वापस लाखों नौकरियां बढ़ी. लोगों की तनख़्वाह भी सैकड़ों/हज़ारों डॉलर बढ़ी फिर भी एक आशंका बनी हुई है.   इस वजह से अर्थशास्त्री किसी भी तरह की मंदी का अनुमान नहीं लगा रहे हैं पर लोगों में चिंता ज़रूर है. एक हायरिंग कंपनी के इकोनॉमिक रिसर्च डायरेक्टर 'निक बर्नर' के अनुसार अर्थव्यवस्था कुछ धीमी होगी पर मंदी की आशंका नहीं है. 

क्या होता है Recession 
नेशनल ब्यूरो ऑफ़ इकोनॉमिक रिसर्च अमेरिका के मुताबिक़ रिसेशन या आर्थिक मंदी देश भर में हो इकोनॉमिक ट्रांजैक्शन में अचानक आई कमी है और इसका महीनों तक इसी हालत में बने रहना आर्थिक मंदी या रिसेशन है. 
अमेरिका में रिसेशन(Recession in USA) का डर चीज़ों की बढ़ती क़ीमत से भी जुड़ा हुआ है. लोगों को लग रहा है कि महंगाई इतनी ही रही तो लोग डॉलर खर्च करना बंद कर देंगे और रिसेशन का ख़तरा मंडराने लगेगा. इस बाबत नेवी फ़ेडरल क्रेडिट यूनियन के कॉर्पोरेट इकोनॉमिस्ट रॉबर्ट फ्रिक का कहना है कि जब-जब आर्थिक सुधार होता है, चीज़ों की क़ीमत बढ़ती ही है. 

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