Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Best Position to check BP: लेटकर या बैठकर ब्लड प्रेशर कैसे चेक करें? डॉक्टर से जानें बीपी मापने का सही तरीका

How to check BP correctly: कई बार ब्लड प्रेशर नापने का तरीका सही न होने से गलत रीडिंग आती है और ये सेहत के लिए नुकसानदायक हो जाती है. इसलिए अगर आप घर में बीपी चेक करते हैं तो आपको इसे मापने का सही तरीका पता होना चाहिए.

Latest News
article-main

ब्लड प्रेशर कैसे नापना चाहिए?

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

 What is the Right Way to Check Blood Pressure:  बदलती जीवनशैली और बढ़ते काम के दबाव के कारण रक्तचाप की समस्या तेजी से बढ़ रही है. महिला हो या पुरुष या युवा हो या वरिष्ठ नागरिक हाई ब्लड प्रेशर या लो ब्लड प्रेशर की समस्या देखी जाती है. यहां तक ​​कि बीपी का खतरा भी दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है. तो घर पर ही बीपी चेक करने के लिए डिजिटल ब्लड प्रेशर मशीन मौजूद है. तो फिर आप सोच रहे होंगे कि बिस्तर पर लेटते या बैठते समय बीपी कैसे चेक करें. बीपी जांचने का सही तरीका क्या है, इसके बारे में जनरल फिजिशियन आतीश आनंद बता रहे हैं कि बीपी को नापने का सही तरीका क्या है.

उससे पहले ये जान लें कि वयस्कों के लिए सामान्य रक्तचाप होता कितना है. वयस्कों में नॉर्मल बीपी का रेंज 120/80 मिमी एचजी होना चाहिए. वहीं, सिस्टोलिक दबाव 120 मिमी एचजी तक और डायस्टोलिक दबाव 80 मिमी एचजी तक होना चाहिए. यदि यह अधिक या कम है तो ये हाई और लो ब्लड प्रेशर की समस्या मानी जाती है.

बीपी चेक करने का सही तरीका क्या है?

डॉक्टर आनंद बताते हैं कि बीपी चेक करने का सही तरीका क्या है ये मरीज टू मरीज वैरी करता है. वैसे तो समान्यत: ब्लड प्रेशर नापने का तरीका कुर्सी पर बैठाकर होता है लेकिन इसके भी कुछ नियम हैं. 

1-मरीज अगर कही से चलकर आया है तो तुरंत बीपी नहीं नापी जाती. मरीज अगर घबराया हुआ है तो भी उसे शांत कर बीपी चेक करना चाहिए. क्योंकि दोनों ही स्थितियों में ब्लड प्रेशर हाई हो सकता है. 

2- अगर मरीज का बैठे रहने पर बीपी हाई रहता है तो केवल इतना ही देखना काफी नहीं होता है. ऐसी स्थिति में मरीज को थोड़ा चलवाकर भी बीपी चेक किया जाता है. इससे मरीज के ब्लड प्रेशर का सही पता चलता है. 

3- मरीज का बीपी अगर बढ़ा हो तो उसके कुछ देऱ लेटे रहने के बाद भी बीपी को चेक करना चाहिए.

डॉक्टर आतिश आनंद कहते है कि इससे ये पता चलता है कि तीनों ही स्थितियों में मरीज का ब्लड प्रेशर कितना वैरी कर रहा है. अगर ब्लड प्रेशर तीनों ही स्थितियों में ज्यादा वैरी करता है तो मरीज को अंडर प्रिकॉशन रखना होता है. वही अगर सभी स्थितियों में ब्लड प्रेशर में बहुत ज्यादा वैरिएशन नहीं है तो इसे गंभीर नहीं माना जाता.

डॉक्टर आतिश आनंद बताते हैं ब्लड प्रेशर नापते समय एक बात का ध्यान जरूर रखना चाहिए वह ये कि एक बार ब्लड प्रेशर नाप के ही नहीं रहना चाहिए. ब्लड प्रेशर कम या ज्यादा आए तो उसके 1 से 2 घंटे के अंतराल में फिर से नापना चाहिए. इससे वास्तविक रीडिंग मिलाती है.

DNA हिंदी अब APP में आ चुका है.. एप को अपने फोन पर लोड करने के लिए यहां क्लिक करें.

(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.

देश-दुनिया की Latest News, ख़बरों के पीछे का सच, जानकारी और अलग नज़रिया. अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटरइंस्टाग्राम और वॉट्सऐप पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement