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Oral Cancer: हर साल इस कैंसर से मरते हैं 75 हजार लोग, सभी Cancer में 11 फीसदी हैं इसके मामले

Mouth Cancer or Oral Cancer deaths: इस कैंसर से सबसे ज्यादा लोगों की मृत्यु होती है, सभी कैंसर में 11 फीसदी लोगों को यही कैंसर होता है, आईए जानते हैं इसके बारे में सब कुछ

Oral Cancer: हर साल इस कैंसर से मरते हैं 75 हजार लोग, सभी Cancer में 11 फीसदी हैं इसके मामले
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डीएनए हिंदी: ओरल कैंसर (Oral Cancer) या माउथ का कैंसर (Mouth Cancer) इसके बारे में तो सभी लोग जानते हैं लेकिन यह कैंसर कैसे हमारी छोटी छोटी गलतियों की वजह से होता है, इससे हर कोई अंजान है. कैंसर एक्सपर्ट्स बताते हैं कि दिनों-दिन यह कैंसर बढ़ता जा रहा है और इससे मरने वालों (Cancer Death) की संख्या भी बढ़ती जा रही है.ग्लोबोकॉन (Globocan) के आंकड़ों के मुताबिक, सभी प्रकार के कैंसरों में करीब 11 प्रतिशत मामले होंठ और मुंह के कैंसर के होते हैं.इनमें कई मरीजों की मौत भी हो जाती है. 

क्या कहते हैं आंकड़े 

हर साल ओरल कैंसर से 75 हजार मरीजों की जान चली दाती है.इसमें गाल के अंदर के हिस्से,जीभ और जबड़ों (Oral Cancer) का कैंसर शामिल है.इस कैंसर के लक्षण (Cancer Symptoms) काफी जल्दी दिखने लगते हैं लेकिन अधिकतर लोगों को इनकी जानकारी नहीं होती और कई मामलों में लोग इन्हें नजरअंदाज भी देते हैं.ऐसे में शुरुआती लक्षण सामने आते ही तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और सलाह लें.

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अमेरीकन कैंसर सोसाइटी (ASCC) के अनुसार, साल 2019 में लगभग 53 हजार अमेरीकी नागरिकों को मुंह का कैंसर हुआ था, यहां लगभग 60 वर्ष की आयु के बाद रोगी को कैंसर का पता चलता है लेकिन इसमें 25 प्रतिशत मामले 50 साल की उम्र से पहले ही हो जाते हैं. यह कैंसर औरतों को कम और पुरुषों को अधिक प्रभावित करता हैं. 
 

मुंह का कैंसर क्या होता है (Causes of Mouth Cancer in Hindi) 

अस्वस्थ जीवन शैली और नशीले पदार्थों (Drug addiction) के अत्यधिक सेवन से जब मुंह के अंदर के भाग जैसे जीभ, गाल, जबड़े या दाड़ कहीं भी किसी प्रकार की कठोरता या गांठ उभरने लगती है, तो उसे ही मुंह का कैंसर कहते हैं .

मुंह का कैंसर (Mouth Cancer) एक वजह से नहीं होता है इसके पीछे कई कारण होते हैं. जब हम मुंह में होने वाली किसी छोटी छोटी बीमारी को नजरअंदाज करते हैं तब वह बाद में जाकर कैंसर का रूप ले लेती है. सस्ते तंबाकू और खैनी के उपयोग से भी यह कैंसर ज्यादा होता है. आर्थिक रूप से अक्षम लोग जैसे लेबर क्लास, निम्न श्रेणी के लोग सस्ते तंबाकू और गुटखा खाते हैं और जब उन्हें यह बीमारी होती है तो वे इसका इलाज करवाने में भी अक्षम होते हैं. 

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मुंह के कैंसर के लक्षण (Symptoms of Oral Cancer in Hindi)

जब मुंह में सफेद धब्बे नज़र आने लगें और जब ये धब्बे बार-बार मुंह को धोने या नहाने से भी न जाएं तो इसे ल्यूकोप्लाकिया कहते हैं. यह मुंह के कैंसर का शुरुआती लक्षण है.

कभी-कभी अचानक चेहरे पर सफेद धारियां दिखाई देने लगती हैं और उनके बीच लाल रंग भी नज़र आता है, इसे ओरल लाइकेन प्लेनस कहा जाता है. 

कई लोगों के मुंह के भीतर छाले रुपी घाव दिखने लगते हैं लेकिन इसका यह अर्थ बिल्कुल नहीं है कि यह मुंह का कैंसर है लेकिन अगर मुंह के अंदर बदलाव अनुभव हो रहे हैं तो उसके बारे में डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. ऐसा करने से समय पर कैंसर का पता चल जाएगा और इलाज हो जाएगा.

अगर मुंह से खून बाहर आ रहा है और दर्द हो रहा है या मुंह में सुनापन लग रहा है तो तुरंत डॉक्टर के पा जाएं. या फिर किसी कठोरता या गांठ का अनुभव हो रहा है तो फौरन डॉक्टर से संपर्क करें 

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मुंह का कैंसर होने के कुछ अन्य कारण भी देखे गए हैं, जैसे- आवाज में परिवर्तन, भोजन को चबाने और निगलने में दिक्कत, जबड़ा और जीभ हिलाने में परेशानी का अनुभव होना,गले में दर्द होना आदि शामिल है

इलाज (Treatment of Oral Cancer) 

वैसे तो किसी भी ट्यूमर या गांठ से जुड़ी समस्या में जांच प्राथमिक इलाज होता है. सीटी स्कैन, एमआरआई, बायाप्सी. इसके बाद ही कोई थैरेपी या फिर कई बार दवाएं और इंजेक्शन से भी काम बन जाता है लेकिन अगर स्टेज आगे निकल गया हो तो फिर सर्जरी होती है. हालांकि हर कोई सर्जरी नहीं करवा सकते, जिसकी वजह से मौतें ज्यादा होती हैं.

जिन लोगों के पास पैसों की दिक्कत है वे खासकर इसका इलाज नहीं करवा पाते हैं.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 


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