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Sharad Yadav को खाली करना होगा सरकारी बंगला, दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया 15 दिन का समय

कोर्ट ने कहा कि यादव को संसद की सदस्यता से अयोग्य ठहराए चार साल से ज्यादा का समय हो गया है ऐसे में उन्हें सरकारी बंगला खाली करना होगा.

Sharad Yadav को खाली करना होगा सरकारी बंगला, दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया 15 दिन का समय

delhi high court directs rajya sabha mp sharad yadav to vacate govt bungalow within 15 days

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डीएनए हिंदीः दिल्ली (Delhi High Court) ने जनता दल (यूनाइटेड) के पूर्व प्रमुख शरद यादव (Sharad Yadav) को बड़ा झटका दिया है. कोर्ट ने शरद यादव को 15 दिन के भीतर सरकारी बंगला खाली करने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि शरद यादव को 2017 में राज्यसभा से अयोग्य ठहरा दिया गया था और इस वजह से उन्हें बंगला खाली करना होगा. कोर्ट ने कहा कि यादव को संसद की सदस्यता से अयोग्य ठहराए चार साल से ज्यादा का समय हो गया है और सरकारी आवास में रहने के लिए उनके लिए स्पष्टीकरण नहीं है.

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कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और जस्टिस नवीन चावला की पीठ ने यादव को निर्देश दिया कि वह ' 7 तुगलक रोड स्थित बंगले को 15 दिनों के भीतर सरकार को सौंप दें' और कहा कि उन्हें राज्यसभा सांसद के रूप में अयोग्य घोषित किए चार साल से अधिक समय बीत चुका है. हाई कोर्ट ने कहा कि वह 15 दिसंबर, 2017 को एकल न्यायाधीश की ओर से पारित अंतरिम आदेश को जारी रखने के लिए इच्छुक नहीं है, जिसमें याचिका पर फैसला होने तक उन्हें तुगलक रोड पर अपने आधिकारिक निवास के उपयोग सहित एक सांसद की आधिकारिक सुविधाओं और उसका लाभ उठाने की अनुमति दी गई थी. हालांकि जून 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश को आंशिक रूप से संशोधित करते हुए कहा था कि वह अपने आधिकारिक आवास को बरकरार रख सकते हैं लेकिन वेतन और अन्य लाभों के हकदार नहीं होंगे. 

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अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन और केंद्र सरकार के स्थायी अधिवक्ता अजय दिगपॉल ने कहा कि मंत्रिपरिषद का विस्तार हुआ है और सरकार को नव नियुक्त मंत्रियों को आवास मुहैया कराने के लिए इसकी जरूरत है. सरकारी अधिवक्ता ने कहा कि बंगला एक मंत्री को आवंटित किया जाना है जो कई महीनों से इसका इंतजार कर रहे हैं. जुलाई 2017 में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राजद और कांग्रेस के गठबंधन से अलग होने और फिर भाजपा के साथ जाने के बाद यादव ने विपक्षी खेमे से हाथ मिला लिया था, जिसके बाद उनकी पार्टी ने उन्हें राज्यसभा से अयोग्य ठहराए जाने का आग्रह किया था जिन्हें चार दिसंबर 2017 को अयोग्य ठहरा दिया गया था. 

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