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Fourth wave of Covid: जागरूक रहकर टाला जा सकता है खतरा, बरतें ये सावधानी

सरकार की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में कोरोना के केसों में लगभग 22 फीसदी कमी देखी गई है.

Fourth wave of Covid: जागरूक रहकर टाला जा सकता है खतरा, बरतें ये सावधानी
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डीएनए हिंदी: आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur)  के शोधकर्ताओं ने हाल ही में COVID-19 की चौथी लहर की भविष्यवाणी की है. एक्सपर्ट्स के अनुसार, चौथी लहर का असर 22 जून से शुरू होकर 24 अक्टूबर तक जारी रहने की संभावना है. ऐसे में घबराने की नहीं बल्कि सावधानी बरतने की जरूरत है. कोरोना के प्रति जागरूक रहकर आप इसके खतरे को आसानी से टाल सकते हैं.

बता दें कि फिलहाल देश के कई राज्यों में कोविड के नए मामलों में कमी देखी जा रही है. इस लिस्ट में देश की राजधानी दिल्‍ली भी शामिल है. दिल्‍ली में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 258 नए केस सामने आए. इसके अलावा 31 दिसंबर के बाद से सोमवार को पहली बार दिल्ली में कोरोना से एक भी मौत दर्ज नहीं की गई है. पिछले 24 घंटों में दिल्‍ली में रिकवर हुए मरीजों का कुल आंकड़ा 18,31,925 तक पहुंच गया है. 

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इसके अलावा देश में भी कोरोना के मामलों की संख्‍या अब काफी कम हो गई है. भारत में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 8,013 नए मामले दर्ज किए गए. देश में एक्टिव मामलों की संख्या 102,601 पर पहुंच गई है. 

सरकार की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में कोरोना के केसों में लगभग 22 फीसदी कमी देखी गई है. देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस से 16,765 लोग सही हुए हैं, वर्तमान में रिकवरी रेट 98.56% है.

कैसे करें बचाव?

  • दूसरों से सुरक्षित दूरी (कम से कम 1 मीटर) बनाए रखें, भले ही सामने वाला व्यक्ति बीमार न हों.
  • बंद जगहों की बजाय खुली, हवादार जगहें चुनें. 
  • हाथों को बार-बार साबुन से धोते रहें. इसके अलावा पानी या एल्कोहल वाला हैंड रब इस्तेमाल करें.
  • कोरोना की जंग में वैक्सीन सबसे असरदार हथियार है. ऐसे में अगर आपने अभी तक वैक्सीन की दोनों डोज नहीं ली हैं तो बिना और देरी किए अपने नजदीकी वैक्सीनेशन सेंटर पर जाकर टीकाकरण पूरा कराएं.
  • खांसने या छींकने पर अपनी नाक और मुंह को कोहनी या रूमाल से ढंक लें.
  • अगर आप अस्वस्थ महसूस कर रहे हैं तो घर पर ही रहें.
  • वहीं अगर आप खुद को संक्रमित महसूस कर रहे हैं तो ऐसे में घबराना नहीं है बल्कि संयम से काम लेना है.
  • इसके लिए सबसे पहले आपको अलग कमरे में आइसोलेट हो जाना चाहिए. इस कमरे में वेंटिलेशन की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए.
  • डॉक्टर के लगातार संपर्क बनाए रखें. ऑक्सीजन लेवल, हार्ट रेट आदि कुछ घंटों के अंतराल पर लगातार चेक कराते रहें. किसी भी तरह की दिक्कत होने या असहज महसूस करने पर तत्काल देखभाल करने वाले व्यक्ति या डॉक्टर को इसकी जानकारी दें.
  • किसी भी संक्रमित शख्स का इलाज डॉक्टरों की सलाह के अनुसार ही किया जाना चाहिए. खासकर दवाएं डॉक्टर की सलाह के बाद ही ली जानी चाहिए.

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कब सावधान हो जाएं?
अगर किसी व्यक्ति को लगातार कई दिनों तक 100 डिग्री से ज्यादा बुखार रहे, सांस लेने में दिक्कत हो, ऑक्सीजन लेवल 93 फीसदी से कम हो गया हो, सीने में लगातार दर्द महसूस हो, थकान महसूस हो तो उसे तुरंत मेडिकल सहायता उपलब्ध कराई जानी चाहिए.

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