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Surya Grahan 2024: साल 2024 का पहला पूर्ण सूर्य ग्रहण, 50 साल बाद इन देशों में घनघोर अंधेरा

Surya Grahan 2024: साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण आज यानी 8 अप्रैल को लग रहा है. चलिए जानें सूतक काल (SutakKal) से लेकर मोक्षकाल (Moksha) तक के बारें.

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Surya Grahan 2024: साल 2024 का पहला पूर्ण सूर्य ग्रहण, 50 साल बाद इन देशों में घनघोर अंधेरा

Surya Grahan 2024

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जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच (Moon between Earth and Sun) से गुजरता है तो सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाता है, इस भौगोलिक घटना को सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) कहा जाता है. ज्योतिष शास्त्र के ग्रहण काल शुरू होने से लेकर खत्म होने तक कुछ नियमों का पालन जरूरी माना गया है.

आइए जानते हैं किस दिन ये सूर्य ग्रहण लगेगा और सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करना वर्जित होता है और कितने तरह के सूर्य ग्रहण होते हैं, अप्रैल में कौन सा सूर्य ग्रहण होगा और सूतककाल मान्य होगा या नहीं. 

सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करना होता है वर्जित?
ज्योतिष शास्त्र में सूर्य या चंद्र ग्रहण के समय सभी शुभ काम मना होता हैं और मंदिर बंद कर दिए जाते हैं. ग्रहण काल शुरू होने के कई घंटे पहले ही सूतक लग जाता है और उसकी के बाद से मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और केवल ईश्वर का मानसिक जाप किया जाता है. साथ ही सूर्य ग्रहण के दौरान घर से बाहर निकलने तक की मनाही होती है और सूर्य ग्रहण को नंगीआंखों से देखना मना होता है. 

सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी रखनी होती है.ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रहण का असर गर्भावस्था पर पड़ सकता है. साथ ही ग्रहण काल ​​के दौरान सिलाई-बुनाई का काम भी नहीं करना चाहिए. इस दौरान नाखून नहीं काटने चाहिए. मंदिर में रखी भगवान की मूर्ति को छूना मना होता है. ग्रहण काल ​​के दौरान रसोई से जुड़े काम जैसे खाना बनाना या खाना भी मना होता है.
  
साल का पहला ग्रहण
2024 का पहला ग्रहण 24 मार्च को होली पर चंद्र ग्रहण होगा, जबकि साल का पहला सूर्य ग्रहण आज यानी 8 अप्रैल को होगा. ग्रहण रात 09:12 बजे से 01:25 बजे तक रहेगा. इस सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 25 मिनट होगी. यह ग्रहण पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा.

पूर्ण सूर्य ग्रहण क्या है?

ग्रहण के दौरान सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी के बीच कभी-कभी ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है जब चंद्रमा कुछ समय के लिए सूर्य की रोशनी को पृथ्वी तक पहुंचने से पूरी तरह रोक देता है. इस स्थिति में चंद्रमा की पूरी छाया पृथ्वी पर पड़ती है जिससे पृथ्वी लगभग अंधकारमय हो जाती है. सूर्य की इस अवस्था को पूर्ण सूर्य ग्रहण कहा जाता है.
  
आंशिक सूर्य ग्रहण

जब आंशिक सूर्य ग्रहण होता है तो चंद्रमा की छाया पूरे क्षेत्र को कवर न करके पृथ्वी के केवल एक हिस्से को ही कवर करता है, इसलिए इसे आंशिक सूर्य ग्रहण कहा जाता है.
  
वलयाकार सूर्य ग्रहण

इस ग्रहण के दौरान सूर्य आग की अंगूठी की तरह दिखाई देता है. इस दौरान चंद्रमा पृथ्वी से बहुत दूर होता है. वलयाकार सूर्य ग्रहण में चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढक लेता है.
  
भारत में नहीं दिखेगा सूर्य ग्रहण
इस साल का पहला सूर्य ग्रहण भारत और उसके पड़ोसी देशों में दिखाई नहीं देगा. सूर्य ग्रहण पश्चिमी यूरोप प्रशांत, अटलांटिक, आर्कटिक मैक्सिको, उत्तरी अमेरिका कनाडा, मध्य अमेरिका, उत्तरी दक्षिण अमेरिका, उत्तर पश्चिम इंग्लैंड और आयरलैंड में दिखाई देगा. वैज्ञानिकों का कहना है कि पूर्ण सूर्य ग्रहण का मार्ग उत्तर-पश्चिमी मेक्सिको से संयुक्त राज्य अमेरिका से होते हुए दक्षिणपूर्वी कनाडा तक जाएगा. वह पथ औसतन 115 मील (183 किलोमीटर) चौड़ा होगा. पूर्ण सूर्य ग्रहण 4 मिनट 28 सेकंड तक रहेगा. दिन में अंधेरा महसूस होगा.

नहीं लागू होगा सूतकाल
क्योंकि सूर्य ग्रहण रात 09:12 बजे से 01:25 बजे तक होगा इसलिए भारत मं सूतककाल भी लागू नहीं होगा.
  

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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