बजट से पहले क्यों बंटता है वित्त मंत्रालय में हलवा?
Kuldeep Panwar
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा चुनाव 2024 से पहले अंतरिम आम बजट पेश करेंगी. यह बजट हर साल की तरह 1 फरवरी को संसद में पेश किया जाएगा.
देश का बजट तैयार करने से पहले मनाई जाने वाली हलवा सेरेमनी की रस्म 24 जनवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय सचिवालय के नॉर्थ ब्लॉक में अन्य अधिकारियों के साथ पूरी की है.
वित्त मंत्री ने खुद अपने हाथ से लोहे की कड़ाही में बने हलवे को सभी अधिकारियों और वित्त मंत्रालय के कर्मचारियों को बांटकर पारंपरिक रूप से बजट तैयार करने की शुरुआत की है.
हलवा बांटने के साथ ही बजट की छपाई का प्रोसेस शुरू हो जाता है. इसके बाद वित्त मंत्रालय के 100 से ज्यादा अधिकारी व कर्मचारी अगले 10 दिन के लिए नॉर्थ ब्लॉक में ही कैद हो जाते हैं.
ये सभी कर्मचारी 1 फरवरी को वित्त मंत्री के बजट भाषण के बाद ही नॉर्थ ब्लॉक से बाहर निकल सकते हैं. यह इसलिए किया जाता है, जिससे बजट से जुड़ी कोई भी जानकारी पहले ही बाहर लीक न हो जाए.
मोदी सरकार कोरोना महामारी के समय से पेपरलेस बजट पेश कर रही है, लेकिन हलवा सेरेमनी की परंपरा को तब भी बरकरार रखा गया है.
बजट पेश करने से पहले हलवा सेरेमनी की परंपरा नई नहीं है बल्कि यह देश की आजादी से भी पहले अंग्रेजों के समय में ही शुरू हो गई थी.
हलवा सेरेमनी के लिए हर बार बजट से पहले नॉर्थ ब्लॉक के नीचे बेसमेंट में प्रिंटिंग प्रेस वाले सेक्शन में ही लोहे की बड़ी कड़ाही चढ़ाकर हलवा तैयार किया जाता है.
हलवा तैयार करने के बाद वित्त मंत्री ही अपने हाथ से इस कड़ाही से हलवा सभी को बांटते हैं. भारतीय संस्कृति में शुभ कार्य को मीठा खाकर शुरू करने की परंपरा को इसका कारण माना जाता है.