क्या है कृष्ण शिला, जिससे बनी है रामलला की तीसरी मूर्ति
Kuldeep Panwar
अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है. करीब 550 साल बाद रामलला फिर से मंदिर में विराजमान हो चुके हैं, जिनकी मनमोहक मूर्ति की चर्चा हर तरफ है.
राम मंदिर के लिए तीन मूर्तियां तैयार की गई थीं, जिनमें से अरुण योगीराज द्वारा काले पत्थर से बनाई गई मूर्ति को प्राण-प्रतिष्ठा के दौरान गर्भगृह में स्थापित किया गया है.
गर्भगृह के लिए चुनी गईं अन्य दोनों मूर्तियां भी अब सामने चुकी हैं. इनमें सफेद रंग की दूसरी मूर्ति मंगलवार को पेश की गई थी, जबकि श्याम रंग की तीसरी मूर्ति बुधवार को सामने आई है.
रामलला की तीसरी मूर्ति एक खास तरह के काले पत्थर से बनाई गई है. यह काला पत्थर कर्नाटक के मैसूर जिले के हेगदादेवना कोटे इलाके के एक खेत में स्वयंभू मिला है.
स्वयंभू यानी किसी चट्टान का हिस्सा नहीं होकर खुद ही मिट्टी से निर्मित होने के कारण ही यह पत्थर बेहद खास है. इसलिए इसे कृष्ण शिला कहा गया है.
कृष्ण शिला से बनी श्यामल रंग की मूर्ति के मूर्तिकार भी कर्नाटक के ही हैं, जिनका नाम गणेश भट्ट है. इस मूर्ति के आभामंडल में पूरे राम दरबार को उकेरा गया है.
तीसरी मूर्ति की ऊंचाई भी 5 फीट के करीब रखी गई है. खास बात ये है कि इस मूर्ति के चेहरे पर भी अन्य दोनों मूर्तियों की तरह ही ऐसी मुस्कान है, जो आपका मन मोह सकती है.
राम मंदिर के गर्भगृह में स्थापित की गई अरुण योगीराज की मूर्ति और गणेश भट्ट की इस मूर्ति के अलावा एक अन्य मूर्ति भी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने चुनी थी.
गर्भगृह के लिए चुनी गई यह तीसरी मूर्ति सफेद मकराना संगमरमर पत्थर से राजस्थान के मूर्तिकार सत्य नारायण पांडे ने बनाई थी. इसमें भी रामलला के चेहरे पर मनमोहक मुस्कान थी.
अरुण योगीराज की बनाई मूर्ति भले ही राम मंदिर में रामलला की मुख्य मूर्ति के तौर पर स्थापित हुई हो, लेकिन अन्य दोनों मूर्तियां भी मंदिर परिसर में ही स्थापित की जाएंगी. हालांकि जगह अभी तय नहीं है.
अरुण योगीराज की बनाई मूर्ति 5 साल के रामलला की झलक दिखाती है, जो मंद-मंद बालसुलभ तरीके से मुस्कुरा रहे हैं. यह मूर्ति करीब 51 इंच ऊंची और 200 किलोग्राम वजन की है.
गर्भगृह में स्थापित काले रंग की रामलला की मूर्ति के आभामंडल में विष्णु भगवान के दशावतार उकेरे गए हैं. साथ ही उनके सिर पर सूर्य और पैरों में श्रीराम भक्त हनुमान व गरुड़ देव विराजमान हैं.