Feb 9, 2024, 09:50 AM IST

पेट्रोल पंप के मैनेजर ने कैसे बना ली देश की सबसे अमीर कंपनी 

Abhishek Shukla

भारत में कई उद्योगपति हुए पर अंबानी परिवार का मुकाबला कोई न कर सका.

उद्योगपतियों की संपत्ति उतार-चढ़ाव देखती रही लेकिन अंबानी का साम्राज्य स्थिर रहा.

धीरू भाई अंबानी के दो बेटे हैं, अनिल अंबानी और मुकेश अंबानी.

 मुकेश अंबानी की नेटवर्थ 1.01 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई है. वे अरबपतियों की लिस्ट में बिलेनियर्स की लिस्ट में 11वें नंबर पर हैं.

अनिल अंबानी करीब 20,444 करोड़ रु के मालिक हैं.

जिस मुकेश अंबानी का दुनिया में डंका बज रहा है, उनके पिता ने कैसे साम्राज्य स्थापित किया था, आइए जानते हैं.

28 दिसंबर 1932 को जन्मे धीरू भाई अंबानी, सौराष्ट्र के जूनागढ़ में पैदा हुए थे. उनके पिता शिक्षक थे और घर की माली हालत ठीक नहीं थी. 10वीं के बाद धीरू भाई ने पढ़ाई छोड़ दी और पैसा कमाने लगे.

17 साल की उम्र में देश छोड़कर वे विदेश चले गए. धीरू भाई अपने भाई रमणिकलाल के पास यमन जाकर पेट्रोल पंप पर नौकरी करने लगे.

वहां वे 300 रुपये महीना कमाने थे. उनका काम इतना शानदार था कि जल्द ही वे पेट्रोल पंप के मैनेजर बन गए.

छोटे-मोटे काम में धीरूभाई का मन नहीं लगा. 5 साल में मजदूरी से ऐसे ऊबे कि वे 1954 में भारत आ गए. 500 रुपये लेकर मुंबई गए और उन्होंने कई बाजार छान डाले. 

धीरूभाई को लगा कि इस देश में भविष्य पेट्रोलियम का है. उन्होंने इसी सेक्टर में अपनी कंपनी बनाई.

8 मई 1973 को धीरू भाई अंबानी ने रिलायंस कॉमर्स कॉरपोरेशन नाम से कंपनी शुरू की.  देश के मसाले और पॉलिस्टर प्रोडक्ट इसके जरिए विदेश सप्लाई किया जाता था.

350 वर्ग फुट के दफ्तर से शुरू हुआ रिलायंस का कारोबार जब शुरू हुआ तो थमने का नाम नहीं लिया. 

पेट्रोलियम, मैन्युफैक्चरिंग, ऑटो, कम्युनिकेशन, डिफेंस, क्लॉदिंग से लेकर स्मार्ट्स फोन से लेकर न्यूज तक, ऐसा कोई सेक्टर नहीं है जहां रिलायंस इंडस्ट्री का परचम न बोलता हो.

उनकी कहानी यह साबित करती है अगर चाह है तो राह है. सही दिशा में की गई मेहनत आपके सपनों की राह आसान कर देती है.