Feb 8, 2024, 11:01 AM IST
समाधि क्या है, कैसे इसके लिए तैयार होते हैं योगी
Abhishek Shukla
लखनऊ के आनंद आश्रम की गुरु मां आशुतोषाम्वरी ने समाधि ली है.
उनका कहना है कि गुरु आशुतोष महाराज जी के लिए समाधि ले रही हैं. ऐसे में लोग जानना चाहते हैं कि समाधि क्या है.
बुद्धि की समानतापूर्ण अवस्था समाधि कहलाती है.
यह जितनी सरल नजर आती है, उतनी है नहीं.
इसके कई गूढ़ अर्थ हैं. देह की मर्यादा से ऊपर उठ आत्मा की यात्रा ही समाधि है.
समाधि 4 तरह की होती है. विचारानुगम समाधि, आनन्दानुगम समाधि, अस्मितानुगम समाधि और वितर्कानुगम समाधि.
लौकिक अर्थ में लोग यह समझते हैं कि समाधि का अर्थ देह का त्याग है, पर ऐसा नहीं है.
भू, जल और अग्नि समाधि लौकिक समाधि है, जिसके जरिए प्राणोत्सर्ग कर दिया जाता है. कुछ संत जीवित रहकर भी समाधीष्ठ होते हैं.
ऐसी पौराणिक मान्यता है कि ईश्वर ब्रह्मा, विष्णु और शिव की अवस्था समाधि की अवस्था है.
वे दैहिक मार्यदाओं से ऊपर हैं, इसी वजह से सर्वव्यापी हैं.
अनंत ब्रह्म के साथ आत्मा को जोड़ लेने की स्थिति ही समाधि है.
समाधि के लिए साधक पहले कठिन तप करते हैं, वे आहार छोड़ते हैं, जल छोड़ते हैं, धीरे-धीरे वायु पर निर्भर हो जाते हैं.
योगी इस अवस्था से प्राणोत्सर्ग भी कर सकते हैं, अपनी देह में वापस भी आ सकते हैं.
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