Jan 22, 2024, 06:35 PM IST

अंबानी-अडानी नहीं ये हैं राम मंदिर के सबसे बड़े दानवीर

Kuldeep Panwar

अयोध्या में रामलला 550 साल बाद फिर से भव्य राम मंदिर में विराजमान हो गए हैं. इसके लिए 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह का भव्य आयोजन किया गया है.

राम मंदिर निर्माण में अब तक 1,100 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं. मंदिर निर्माण पर कुल 1,800 करोड़ रुपये का खर्च होने का अनुमान है, पर इससे करीब डेढ़ गुना ज्यादा पैसा दान में मिल चुका है.

मंदिर निर्माण के लिए देश-दुनिया से आई दान की रकम अब तक 3,200 करोड़ रुपये हो चुकी है. सबसे ज्यादा दान एक उद्योगपति ने दिया है, जो मुकेश अंबानी, गौतम अडानी या रतन टाटा नहीं हैं.

राम मंदिर निर्माण के लिए सबसे बड़ा दान सूरत के डायमंड कारोबारी दिलीप कुमार वी. लाखी ने दिया है. दिलीप ने 101 किलोग्राम सोना मंदिर ट्रस्ट को दान दिया है, जो 68 करोड़ रुपये कीमत का है.

दिलीप लाखी से मिले सोने से ही राम मंदिर के स्वर्ण द्वार मढ़े गए हैं. साथ ही गर्भगृह, त्रिशूल, डमरू और स्तंभों को भी इस सोने की परत से ढककर चमकाया गया है. 

रामकथा वाचक मोरारी बापू ने भी राम मंदिर निर्माण के लिए 18.6 करोड़ रुपये का दान दिया है, लेकिन यह पूरी रकम उनकी अपनी नहीं है. यह रकम उन्होंने लोगों से जुटाकर मंदिर समिति को दी है.

मोरारी बापू ने भारत में राम भक्तों से 11.30 करोड़ रुपये, ब्रिटेन और यूरोप से 3.21 करोड़ रुपये और अमेरिका व कनाडा से 4.10 करोड़ रुपये का चंदा लेकर श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट तक पहुंचाया है.

राम मंदिर निर्माण के लिए दुनिया के सबसे अमीर उद्योगपतियों में शामिल मुकेश अंबानी की तरफ से 33 किलोग्राम सोने का मुकुट देने की खबर फैली थी, लेकिन यह दावा गलत निकला है.

कई कंपनियों ने भी राम मंदिर निर्माण के लिए जमकर दान दिया है. डाबर इंडिया ने 17 जनवरी से 31 जनवरी तक की अपने उत्पादों की बिक्री का एक हिस्सा दान में देने की घोषणा की है.

आईटीसी कंपनी की तरफ से राम मंदिर के उद्घाटन की तारीख यानी 22 जनवरी, 2024 के बाद अगले छह महीने तक के लिए धूप-अगरबत्ती दान में दी गई है.

हैवल्स कंपनी ने राम मंदिर उद्घाटन के दौरान उसकी सजावट के लिए की गई रोशनी का सारा खर्च उठाया है. इसके अलावा भी बहुत सारे उद्योगपतियों ने मंदिर निर्माण में योगदान दिया है.