Nov 6, 2023, 12:00 PM IST

मौर्य से चोल तक: प्राचीन भारत के 10 सबसे धनी साम्राज्य

Neha Dubey

मौर्य साम्राज्य: चंद्रगुप्त मौर्य द्वारा स्थापित और अशोक द्वारा विस्तारित, प्राचीन भारत में साम्राज्य, जो अपनी संपत्ति और प्रशासनिक दक्षता के लिए जाने जाते हैं.

गुप्त साम्राज्य: भारत का स्वर्ण युग माना जाने वाला गुप्त साम्राज्य अपनी आर्थिक समृद्धि, व्यापार और सांस्कृतिक उपलब्धियों के लिए जाना जाता था. यह विज्ञान, कला और साहित्य में महान उन्नति का समय था.

चोल राजवंश: चोल राजवंश, विशेष रूप से राजराजा चोल और उनके पुत्र राजेंद्र चोल के शासनकाल के दौरान, एक विशाल समुद्री व्यापार नेटवर्क को नियंत्रित करता था जो साम्राज्य में अपार धन लाता था. वे कला और वास्तुकला के संरक्षक थे.

हर्ष का साम्राज्य: कन्नौज के राजा हर्ष ने एक समृद्ध साम्राज्य पर शासन किया जो अपनी सांस्कृतिक उपलब्धियों और धन के लिए जाना जाता था. हर्ष शासनकाल की विशेषता कला और साहित्य का उत्कर्ष था.

पल्लव राजवंश: पल्लव कला, वास्तुकला और व्यापार के संरक्षक थे, जिसने उनके उत्कृष्ट रॉक-कट मंदिरों में योगदान दिया.

विजयनगर साम्राज्य: विजयनगर साम्राज्य दक्षिण भारत की एक प्रमुख शक्ति थी, जो अपनी समृद्धि और समृद्धि के लिए जाना जाता था. यह व्यापार और सांस्कृतिक उन्नति का केंद्र था.

मगध साम्राज्य: मगध, एक प्राचीन साम्राज्य, अपनी संपत्ति और रणनीतिक स्थिति के लिए जाना जाता था. प्रारंभिक भारतीय इतिहास में यह एक महत्वपूर्ण शक्ति थी.

पाल साम्राज्य: पाल राजवंश ने महत्वपूर्ण व्यापार मार्गों और केंद्रों को नियंत्रित किया, जिससे इसकी आर्थिक समृद्धि में योगदान हुआ. वे बौद्ध धर्म और शिक्षा के संरक्षक थे.

मुग़ल साम्राज्य: अपनी समृद्धि और धन के लिए प्रसिद्ध मुग़ल साम्राज्य ने व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. यह सांस्कृतिक एवं स्थापत्य उपलब्धियों का काल था.

चालुक्य राजवंश: चालुक्य अपने समृद्ध व्यापार के लिए जाने जाते थे, जिससे उन्हें भारत में एक प्रभावशाली साम्राज्य बनने में मदद मिली. वे भारत में प्रभावशाली साम्राज्य में से एक थे. वे कला और वास्तुकला के संरक्षक थे.