वह शख्स जिसने जींस में इंटरव्यू देकर क्रैक कर ली UPSC
Jaya Pandey
देश में यूपीएससी की सिविल सेवा की परीक्षा पास करना लाखों युवाओं का सपना होता है और इसके लिए वे दिन-रात कड़ी मेहनत भी करते हैं.
जिन स्टूडेंट्स का प्रीलिम्स और मेंस क्वालिफाई हो जाता है, वह इंटव्यू क्रैक करने के लिए दिल-ओ-जान लगा देते हैं.फॉर्मल ड्रेस से लेकर सवालों के जवाब देने तक हर चीज की प्रैक्टिस की जाती है.
लेकिन क्या हो अगर कोई कैंडिडेट जींस पहनकर ही यूपीएससी का इंटरव्यू देने पहुंच जाए? आज हम आपको एक ऐसे ही शख्स से मिलाने जा रहे हैं.
यह शख्स कोई और नहीं बल्कि आचार्य प्रशांत हैं. उन्होंने खुद अपने यूपीएससी के इंटरव्यू का किस्सा सुनाया है.
उन्होंने बताया कि मैं जिंदगी में जो कुछ भी करना चाहता था, वह सिविल सेवा में जाकर ही पूरा हो सकता था इसलिए मैं भी इसी रास्ते पर चल पड़ा.
हालांकि जब तक यूपीएससी का इंटरव्यू देने का समय आया तो मैं कुछ बदल गया था. मुझे लगने लगा था कि सरकारी नौकरी के माध्यम से कोई क्रांतिकारी काम नहीं हो सकता.
'इंटरव्यू वाले दिन मैं बाइक पर यूपीएससी बिल्डिंग पहुंच गया था. मैंने सफेद शर्ट और जींस पहन रखी थी, हालांकि मेरा कोई विद्रोह करने का इरादा नहीं था.'
'जींस कंफर्टेबल लगती थी, आमतौर पर मैं फॉर्मल कपड़े पहनता नहीं था तो सोचा आखिर इंटरव्यू में बनावट करने की क्या जरूरत है?'
संघ लोकसेवा की बिल्डिंग में लाइब्रेरी में इंतजार करने को कहा गया था और वहां बैठे कैंडिडेट्स को यह समझ ही नहीं आया कि मैं भी इंटरव्यू देने आया होऊंगा.
जब इंटरव्यू के लिए मेरा नंबर आया तो कमरे में 6-8 लोग मौजूद थे. मुझे लगा कि वो मुझसे इस पहनावे की वजह पूछेंगे लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.
इंटरव्यूअर ने मुझसे घंटेभर बात की, कोई ऐसी फील्ड नहीं था जिसमें से मुझसे सवाल नहीं पूछे गए हों. उन्होंने मुझे काफी समझदारी से हैंडल किया.
आज भी जब उनके बारे में सोचता हूं तो मन सम्मान से भर जाता है. जब रिजल्ट आया तो मुझे इंटव्यू में 300 में से 210 नंबर मिले थे. उस समय आमतौर पर इतने नंबर इंटरव्यू में आते नहीं थे.
अपनी ओर से उन्होंने मुझे प्रेमपूर्वक बता दिया था कि वे मुझे आईएएस देखना चाहते हैं, इसके बाद यूपीएससी के लिए मेरे मन में सम्मान बढ़ गया था.