UPSC क्रैक करने के बाद DM बनने में कितना वक्त लगता है?
Jaya Pandey
UPSC की सिविल सेवा परीक्षा पास करने के बाद ट्रेनी IAS अफसरों की ट्रेनिंग लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन LBSNAA में होती है.
यह ट्रेनिंग कुल 2 साल की होती है जिसमें शुरुआती 15 हफ्ते फाउंडेशन कोर्स होता है जिसमें उन्हें समाज, राजनीति, इकोनॉमी, भूगोल, इतिहास आदि पढ़ाया जाता है.
फाउंडेशन कोर्स के बाद फेस-1 ट्रेनिंग शुरू हो जाती है जिसमें सबसे पहले भारत दर्शन के लिए भेजकर उन्हें देश की संस्कृति और विरासत से रूबरू कराया जाता है.
फिर उन्हें देश की बड़ी शख्सियतों जैसे राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और दूसरे मंत्रियों से मिलवाया जाता है. उन्हें लोकसभा सचिवालय में भी ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है.
ट्रेनी अफसरों को कामकाज के तरीके समझने के लिए अलग-अलग कार्यालयों में अटैच किया जाता है. फिर उन्हें वापस LBSNAA बुलाया जाता है.
LBSNAA में उन्हें 4 महीने एकेडमिक ट्रेनिंग दी जाती है जिसमें उन्हें नेशनल सिक्योरिटी, पॉलिसी मेकिंग जैसे टॉपिक पढ़ाए जाते हैं. इसके बाद उन्हें डिस्ट्रिक्ट ट्रेनिंग पर भेजा जाता है.
यहां वे 1 साल अलग-अलग डिपार्टमेंट में प्रशासनिक कामकाज की बारीकियों को समझते हैं. फिर उन्हें फेस 2 की ट्रेनिंग के लिए LBSNAA बुलाया जाता है.
यहां वे वापस आकर अपने अनुभव साझा करते हैं और फिर उन्हें अलग-अलग एक्सपर्ट ट्रेनिंग देते हैं. 2 साल की कठिन ट्रेनिंग के बाद वे स्थायी IAS अधिकारी बनते हैं.
फिर उन्हें कैडर सौंपा जाता है और वे बतौर उप जिलाधिकारी (एडीएम), एसडीएम, सीडीओ, एसडीओ अथवा ज्वाइंट कलेक्टर अपनी सर्विस शुरू करते हैं.
6 से 8 साल की सर्विस के बाद उन्हें डीएम या कलेक्टर या डिप्टी कमिश्नर बनाया जाता है. ट्रेनिंग के दौरान उन्हें 56,100 रुपये मंथली सैलरी मिलती है.