डॉक्टर बनने के बाद शुरू की UPSC की तैयारी, जानें IAS अंजलि गर्ग की सफलता की कहानी
Jaya Pandey
भारत में MBBS की पढ़ाई काफी मुश्किल है. इसके लिए कैंडिडेट्स को नीट की परीक्षा पास करनी पड़ती है. लेकिन क्या हो अगर कोई अपने मेडिकल करियर को ही बाय बोल दे.
डॉ. अंजलि गर्ग की कहानी भी कुछ ऐसी ही है जिन्होंने आईएएस बनने के लिए अपना मेडिकल करियर छोड़ दिया.
चंडीगढ़ से ताल्लुक रखने वालीं अंजलि गर्ग ने स्थानीय स्कूल से 12वीं तक पढ़ाई की है. वह बचपन से ही पढ़ाई में काफी अच्छी रही हैं.
उन्हें 10वीं में 10 सीजीपीएस मिला था और 12वीं के बोर्ड में 96 प्रतिशत मार्क्स हासिल किए. फिर उन्होंने नीट क्रैक किया.
उन्होंने दिल्ली के VMMC और सफदरजंग अस्पताल से MBBS की पढ़ाई पूरी की और सरकारी अस्पताल में प्रैक्टिस भी शुरू कर दी.
डॉक्टर बनने के बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी लेकिन मेडिकल बैकग्राउंड की वजह से उन्हें काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा.
यहां कई सब्जेक्ट उनके लिए बिलकुल नए थे और ठीक तरह से उनका बेसिक तक क्लियर नहीं हो पा रहा था. लेकिन वह मेहनत से पढ़ाई में जुटी रहीं.
उन्हें पहले प्रयास में असफलता का सामना करना पड़ा लेकिन अपने दूसरे प्रयास में वह 79वीं रैंक हासिल करके आईएएस अधिकारी बनीं.
वर्तमान में अंजलि गर्ग हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में असिस्टेंट कमिश्नर (यूटी) के पद पर कार्यरत हैं.