Aug 29, 2024, 02:01 PM IST

पहले प्रयास में UPSC में लाईं 28वीं रैंक, जानें Chandrajyoti Singh की कहानी

Jaya Pandey

यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में सफल होकर आईएएस आईपीएस बनने का सपना देश के लाखों युवा देखते हैं लेकिन कुछ हजार ही इस सपने को हकीकत बना पाते हैं.

आईएएस चंद्रज्योति की सफलता की कहानी भी बेहद खास है जो एक मजबूत सैन्य पृष्ठभूमि से आती हैं. वह रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर कर्नल दलबारा सिंह और लेफ्टिनेंट कर्नल मीन सिंह की बेटी हैं.

वह देश की उन चंद युवाओं में शामिल हैं जिन्होंने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास कर ली और अब एक आईएएस अधिकारी हैं.

अनुशासित माहौल में पली-बढ़ी चंद्रज्योति सिंह के माता-पिता ने उन्हें कम उम्र से ही दृढ़ता और समर्पण के मूल्यों से परिचित करा दिया था. उनकी पढ़ाई-लिखाई में भी ये मूल्य झलकते हैं.

उन्होंने जालंधर के एपीजे स्कूल से कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा में 10 सीजीपीए और चंडीगढ़ के भवन विद्यालय से कक्षा 12 की परीक्षा में 95.4% अंक हासिल किए हैं.

फिर उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी की सेंट स्टीफंस कॉलेज से हिस्ट्री ऑनर्स में ग्रेजुएशन किया है जिसमें उन्हें 7.75 सीजीपीएस हासिल हुए थे.

ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने एक साल का ब्रेक लिया और 2018 में अपनी यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी और कठिन परिश्रम और समर्पण के दम पर पहले प्रयास में 28वीं रैंक हासिल की. 

22 साल की उम्र में वह आईएएस अधिकारी बनीं और आज अनगिनत यूपीएससी उम्मीदवारों को प्रेरित कर रही हैं कि दृढ़ संकल्प और बढ़िया रणनीति के साथ कठिन यूपीएससी परीक्षा को पास किया जा सकता है.